राहु-केतु ज्योतिष

सिरहाने जौ रखकर सोएं, राहु-केतु की दशा हो जाएगी छूमंतर

सिरहाने जौ रखकर सोएं, राहु-केतु की दशा हो जाएगी छूमंतर

Rahu-Ketu ki dasha: शनि के अलावा जिन दो ग्रहों के प्रकोप से लोगों को डर लगता है, उनका नाम है राहु और केतु. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु की दशा या महादशा हो, तो व्यक्ति को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है. राहु-केतु ग्रहों को छाया ग्रह के नाम से भी जाना जाता है. साथ ही इन दोनों ग्रहों को पापी ग्रह भी कहा जाता है. बहुत कम ऐसे मौके होते हैं जब किसी व्यक्ति की कुंडली में इनका प्रभाव शुभ सिद्ध होता है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु ठीक स्थिति में हों, तो जातक को अनअपेक्षित लाभ मिलता है, लेकिन अगर इन दोनों ग्रहों की स्थिति सही न हो, तो जातक को बहुत सी समस्याओं से जूझना पड़ता है.

राहु-केतु के प्रकोप से बचने के ज्योतिषशास्त्र में कई उपाय दिए गए हैं. राहु से पीड़ित व्यक्ति को शनिवार का व्रत करना चाहिए. ऐसा करने से राहु का प्रभाव कम हो जाता है. इसके अलावा राहु की दशा होने पर कुष्ट से पीड़ित व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए. कौए को मीठी रोटी खिलाएं और ब्राह्मणों या गरीबों को चावल खिलाने चाहिए. किसी गरीब व्यक्ति की कन्या का विवाह करवाएं अथवा विवाह में सहायता करें. राहु की दशा से पीड़ित व्यक्ति अपने सिरहाने जौ रखकर सोए और सुबह उनका दान कर दे. इससे राहु की दशा शांत होती है. असके अलावा भैरव पूजन करने और काल भैरव अष्टक का पाठ करने से राहु के कारण होने वाले अशुभ परिणामों से मुक्ति मिलती है. आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से भी राहु के कुप्रभावों से छुटकारा मिलता है.

वहीं दूसरी ओर केतु की दशा भी राहु की तरह ही अनिष्टकारक है. जिन लोगों की कुंडली में केतु अशुभ फलदायी होता है, वे अगर कंबल, लोहे से बने हथियार, तिल, भूरे रंग की वस्तु आदि का दान करें, तो इससे केतु का दुष्प्रभाव कम होता है. अगर केतु की दशा का फल संतान को भुगतना पड़ रहा हो, तो मंदिर में कंबल का दान करना चाहिए. ऐसा करने से केतु शांत होता है. केतु की दशा को शांत करने के लिए व्रत रखना भी बेहद लाभप्रद होता है. मंगलवार और शनिवार को व्रत रखने से केतु की दशा शांत होती है. कुत्ते को खाना खिलाएं और ब्राह्मणों को भोज कराएं. किसी दूसरे व्यक्ति को अपने मन की बात न बताएं. बुजुर्गों और संतों की सेवा करने से भी केतु की दशा में राहत प्राप्त होती है. लाल किताब के अनुसार केतु के अशुभ फल को खत्म करने के लिए गणेश पूजन और राहु के लिए सरस्वती देवी का पूजन करना शुभ फलदायी होता है.

राहु-केतु छाया ग्रह हैं. देवी दुर्गा को छायारूपेण कहा गया है, इसलिए देवी दुर्गा के पूजन से भी राहु-केतु को शांत किया जा सकता है. राहु-केतु के दोष से बचने के लिए घर में संपूर्ण कालसर्प यंत्र की स्थापना कर नित्य सर्प सूक्त का पाठ करना चाहिए. किसी भी व्यक्ति के जीवन में ग्रहदोष होना कष्टदायी होता है. लेकिन इनके निवारण के लिए उपाय करके ग्रहदोष से बचा जा सकता है.



  • नयनसर टोल प्लाजा: टोल टैक्स, सुविधाएं, संपर्क नंबर सहित सारी ज़रूरी बातें

    नयनसर टोल प्लाजा: टोल टैक्स, सुविधाएं, संपर्क नंबर सहित सारी ज़रूरी बातें

  • Gorakhpur News: जीडीए देगा बढ़ा मुआवजा, 200 काश्तकारों को मिलेगा लाभ

    Gorakhpur News: जीडीए देगा बढ़ा मुआवजा, 200 काश्तकारों को मिलेगा लाभ

  • Gorakhpur News: शहर में एक और सड़क बनेगी फोरलेन

    Gorakhpur News: शहर में एक और सड़क बनेगी फोरलेन

  • गोरखपुर एयरपोर्ट पर विमानों की लेटलतीफी से यात्री हुए बेहाल

    गोरखपुर एयरपोर्ट पर विमानों की लेटलतीफी से यात्री हुए बेहाल

  • फरवरी में ही गर्मी का अहसास, पारा 30 डिग्री पार

    फरवरी में ही गर्मी का अहसास, पारा 30 डिग्री पार

  • Gorakhpur News: इंदिरा बाल विहार पर बनेगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स

    Gorakhpur News: इंदिरा बाल विहार पर बनेगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स

  • UP Budget 2025: योगी सरकार ने पूर्वांचल के लिए खोला खजाना

    UP Budget 2025: योगी सरकार ने पूर्वांचल के लिए खोला खजाना

  • डीजे की धुन पर खूनी खेल, कुशीनगर में शादी की खुशियां मातम में बदलीं

    डीजे की धुन पर खूनी खेल, कुशीनगर में शादी की खुशियां मातम में बदलीं

  • यूपी बजट: 10 जिलों में बनेंगे टेक्सटाइल पार्क

    यूपी बजट: 10 जिलों में बनेंगे टेक्सटाइल पार्क

  • रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम ऐसा बनेगा कि बस देखते रह जाओगे

    रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम ऐसा बनेगा कि बस देखते रह जाओगे

  • शादी का झांसा, यौन शोषण, और धमकी: दरोगा के खिलाफ गंभीर आरोप

    शादी का झांसा, यौन शोषण, और धमकी: दरोगा के खिलाफ गंभीर आरोप

  • Gorakhpur News: 15वीं, 17वीं सदी की ये दो इमारतें बनेंगी संरक्षित स्मारक

    Gorakhpur News: 15वीं, 17वीं सदी की ये दो इमारतें बनेंगी संरक्षित स्मारक

रिसर्च टीम

About Author

गो-गोरखपुर की रिसर्च टीम गोरखपुर अंचल के इतिहास, भूगोल, साहित्य, कला-संस्कृति, समाज पर केंद्रित आलेख ढेर सारे दस्तावेजों के अध्ययन के आधार पर तैयार करती है. तथ्यों के संकलन के क्रम में हम शहर के जानकार लोगों से बातचीत भी करते हैं. ऐसे आलेखों के पीछे पूरी टीम का सहयोग होता है, लिहाजा साझा श्रेय 'रिसर्च डेस्क' के नाम है.

महाकुंभ 2025: कुछ अनजाने तथ्य… महाकुंभ 2025: कहानी कुंभ मेले की… गोरखपुर सिटी: टॉप टेन