महिला सशक्तीकरण और सामाजिक जागरूकता के लिए निकली साइकिल यात्रा

गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में रविवार सुबह 7:15 बजे दो दिवसीय साइकिल यात्रा का शुभारंभ किया गया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देना है। राज्यपाल कार्यालय के निर्देशानुसार और माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से आयोजित की जा रही इस यात्रा के दौरान महिला सशक्तीकरण पर जागरूकता मुख्य उद्देश्य है।

माननीय कुलपति प्रो. जे. पी. सैनी और कुल सचिव श्री चन्द्र प्रकाश प्रियदर्शी की गरिमामयी उपस्थिति में शुरू हुई इस यात्रा में राष्ट्रीय कैडेट कोर और राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में 40 छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस कार्यक्रम में अधिष्ठाता एक्सटेंशन फील्ड आउटरीच एवं एलुमनी रिलेशंस प्रो. पी. के. सिंह, सह अधिष्ठाता डॉ. अवधेश कुमार, राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. प्रदीप मुले और डॉ. धीरेंद्र सिंह, राष्ट्रीय कैडेट कोर के एएनओ के. बी. सहाय, विश्वविद्यालय के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए. के. पांडेय और छात्र क्रियाकलाप परिषद के प्रमुख प्रो. बी. के. पांडेय सहित कई गणमान्य अधिकारी उपस्थित थे।
कुलपति प्रो. जे. पी. सैनी ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया। छात्रों ने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से चौरीचौरा तक के मार्ग में पड़ने वाले 8 गांवों में से 5 गांवों को पार किया। विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए इन गांवों में जंगल अयोध्या प्रसाद, रायगंज और राम लखना के तीन प्राथमिक विद्यालयों को यात्रा के दौरान जागरूकता अभियान का प्रमुख केंद्र बनाया गया। दो दिवसीय यात्रा के पहले दिन का समापन ऐतिहासिक चौरीचौरा शहीद स्मारक स्थल पर हुआ।
इस साइकिल यात्रा का मुख्य उद्देश्य समाज में जागरूकता का प्रसार करना था। इस दौरान ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, ‘एक वृक्ष मां के नाम’, ‘नशामुक्त भारत’ और ‘दहेजमुक्त भारत’ जैसे चार प्रमुख विषयों पर विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। छात्रों ने इन मुद्दों पर ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर उन्हें समाज सुधार की दिशा में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
इस यात्रा का मुख्य केंद्र महिला सशक्तीकरण रहा, जिसमें 24 छात्रों और 16 छात्राओं सहित कुल 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया। यात्रा की सुचारु व्यवस्था और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक एम्बुलेंस, एक एस्कॉर्ट वाहन और 10 संकाय सदस्य भी साथ रहे, जिन्होंने पूरे अभियान में मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान किया।
चौरीचौरा में रात्रि विश्राम के बाद, 25 मार्च को छात्रों का दल शहीदों को नमन करते हुए अपनी यात्रा फिर से शुरू करेगा। वापसी के दौरान, डुमरी खुर्द गांव में जन समुदाय के साथ संवाद और जागरूकता अभियान जारी रखते हुए, अगला पड़ाव तरकुलहा देवी मंदिर होगा। वहां दर्शन और विश्राम के बाद, मोतीराम अड्डा होते हुए विश्वविद्यालय वापस आने की योजना है। विश्वविद्यालय वापस आने पर छात्र दल का सम्मान किया जाएगा।
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