आज हम बात करेंगे फिराक गोरखपुरी की शख्सियत, शायरी और दर्द भरी जिंदगी के अनछुए पहलुओं पर। जानें कैसे इस महान शायर ने अपनी बेबाकी, देशभक्ति और गंगा-जमुनी तहजीब को अपनी शायरी में उकेरा।
आए थे हंसते खेलते मैखाने में फिराक,
जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए।
उर्दू अदब के इस अनमोल नगीने को रचने वाले रघुपति सहाय, जिन्हें दुनिया फिराक गोरखपुरी के नाम से जानती है, 28 अगस्त 1896 को गोरखपुर में जन्मे एक अद्वितीय शायर और विद्वान थे। उनकी शख्सियत सिर्फ उनकी बेमिसाल शायरी तक सीमित नहीं थी, बल्कि वे एक साहसी, क्रांतिकारी और जिंदादिल इंसान भी थे, जिनके जीवन में मोहब्बत, जुदाई और जिंदगी के तल्ख अनुभवों का गहरा रंग मिलता है।
फिराक गोरखपुरी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर के रूप में अपनी पहचान बनाई, जहाँ उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा था कि भारत में सही अंग्रेजी जानने वाले केवल ढाई लोग हैं — मैं, डॉ. राधाकृष्णन और आधे नेहरू। उनकी अदम्य भावना और देशप्रेम का परिचय तब मिला जब सिविल सर्विसेज में चयन के बावजूद, उन्होंने डिप्टी कलेक्टर बनने का सुनहरा मौका छोड़कर महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन का दामन थाम लिया। पंडित नेहरू के कहने पर कांग्रेस से जुड़ने के बावजूद, स्वतंत्रता की राह में कोई पद या वेतन उन्हें रोक नहीं पाया। फिराक की यह कहानी उनके अटूट संकल्प और त्याग की एक अद्वितीय मिसाल है।
आजादी से पहले कांग्रेस के लिए काम करने के बावजूद, फिराक ने राजनीति को कभी अपनी मंजिल नहीं बनाया। देश के पहले आम चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ किसान मजदूर प्रजा पार्टी से किस्मत आजमाई। गोरखपुर में महंत दिग्विजय नाथ और कांग्रेस के सिंहासन सिंह जैसे दिग्गजों के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा और केवल 9% वोट पाकर उनकी जमानत जब्त हो गई। इस हार का गम और चुनाव लड़ने का पछतावा उन्हें जिंदगी भर सालता रहा।
Read …. उर्दू अदब के वर्ड्सवर्थ: फ़िराक साहब की जयंती पर आइए चलते हैं उनके गांव
फिराक की जिंदादिली और बेबाकी उनकी शख्सियत का अभिन्न अंग थीं। एक बार चुनावी सभा के दौरान महंत दिग्विजय नाथ ने उन पर शराब पीने का आरोप लगाया। फिराक ने इसका जवाब अपनी अगली सभा में मंच पर खुलेआम शराब की बोतल खोलकर दो-तीन घूंट पीकर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि “सब तो बंद कमरे में शराब पीते हैं, मैं तो खुलेआम पीता हूँ।” इसी घटना से उनका मशहूर शेर “आए थे हंसते खेलते मैखाने में फिराक, जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए” निकला, जो उनकी बेबाक प्रवृत्ति को दर्शाता है।
उनकी शायरी गंगा-जमुनी तहजीब की सच्ची तस्वीर है। फिराक ने अपनी रचनाओं में हजारों साल की सांस्कृतिक विरासत और विविधता में एकता की गहरी जड़ों को उकेरा, जो उन्हें अन्य शायरों से अलग बनाती है: “सरजमीन हिंद पर अकवाले बसते गए, हिंदुस्तान बनता गया।” निदा फाजली ने फिराक की हाजिर जवाबी का एक दिलचस्प किस्सा साझा किया, जब एक नौजवान शायर ने उनकी नकल की। फिराक साहब ने फौरन जवाब दिया कि “साइकिल को मोटर से टकराते तो सुना था, लेकिन साइकिल हवाई जहाज से भी टकरा जाए यह मैं पहली बार सुन रहा हूँ।” उनकी शायरी मानवीय संबंधों और पहचान के गहरे दर्शन को भी छूती है: “छिड़ गए साजे इश्क के गाने, खुल गए जिंदगी के मैखाने, हासिल हुस्न इश्क बस इतना, आदमी आदमी को पहचाने।”
Read …. फ़िराक की नज़र से ज़िंदगी…
फिराक गोरखपुरी की जिंदगी में गहरे दुख का समंदर छिपा था। 1914 में, उन्हें अंधकार में रखकर उनकी शादी एक अनपढ़ और कुरूप लड़की से कर दी गई, जिससे उनका वैवाहिक जीवन प्रेमहीन रहा। उन्होंने स्वयं स्वीकार किया कि इस शादी ने उन्हें अकेलेपन में धकेल दिया। “गम फिराक तो उस दिन गमे फिराक हुआ, जब उनको प्यार किया मैंने जिनसे प्यार नहीं।”
इससे भी बड़ा दर्द उन्हें तब मिला जब उनके बेटे ने स्कूल में मिली असफलताओं और तानों के कारण आत्महत्या कर ली। इन व्यक्तिगत त्रासदियों ने उनकी शायरी को और भी अधिक निखार दिया, जहाँ दर्द और गम की गहरी लकीरें साफ दिखती हैं: “मौत का भी इलाज हो शायद, जिंदगी का कोई इलाज नहीं। हम तो कहते हैं वो खुशी ही नहीं, जिसमें कुछ गम का इजाज नहीं।”
3 मार्च 1982 को 86 वर्ष की आयु में फिराक गोरखपुरी हमें छोड़कर चले गए, लेकिन उनकी आवाज और शब्द आज भी हमारे दिलों में गूँजते हैं। उनकी शायरी का असर आज भी फीका नहीं पड़ा है। फिराक का हर एक अल्फाज आज भी हमारे भीतर उन एहसासों को जिंदा करता है, जो वक्त के साथ कभी सिमटते नहीं। उनकी गजलों का जादू हमेशा हमारे साथ रहेगा, क्योंकि उनकी शायरी की धड़कनें कभी खत्म नहीं होतीं।
- प्रोफेसर परमानंद श्रीवास्तव: जीवन परिचय

- प्रोफ़ेसर उदय प्रताप सिंह: शिक्षा और सेवा को समर्पित एक जीवन

- सिर्फ 13 साल की उम्र में इस शख्स ने कर दिया था ऐसा काम कि अंग्रेज भी हो गए थे हैरान, जानें गीता प्रेस के संस्थापक की अनसुनी कहानी

- वीर बहादुर सिंह: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, लेखक और उनकी विरासत

- फिराक गोरखपुरी: शख्सियत का जादू, शायरी का दर्द और एक क्रांतिकारी की अनसुनी कहानी

- पुणे में पैदा हुए ‘राघवेंद्र’ कैसे बन गए पूर्वांचल के गांधी

- बॉलीवुड में सपनों को पूरा करने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है: मधुर भंडारकर
- गोरखपुर: कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों को मिले 18 नए शिक्षक, नियुक्ति पत्र पाकर खिले अभ्यर्थियों के चेहरे
- Cold Wave: गोरखपुर में भीषण ठंड का कहर, DM ने बदला स्कूलों का समय; 10 बजे से खुलेंगे विद्यालय
- गोरखपुर में 19 से शुरू होगा सपा का ‘SIR विशेष गहन पुनरीक्षण’ प्रशिक्षण शिविर, देखें पूरा शेड्यूल
- गोरखपुर: मतदाता सूची पुनरीक्षण की हकीकत परखने पहुंचे चुनाव आयोग के प्रेक्षक, राजनीतिक दलों के साथ की बैठक
- ‘ग्रीन स्कूल, क्लीन स्कूल’, अब गोरखपुर नगर निगम कराएगा स्कूलों के बीच स्वच्छता का महा-मुकाबला
- गोरखपुर: दिनेश चंद्र श्रीवास्तव की स्मृति में जुटे दिग्गज, तीन वरिष्ठ पत्रकारों को मिला ‘लेखनी सम्मान’
- गोरखपुर: मतदाता सूची की गहन जांच के आदेश, दोहरी एंट्री और मृत वोटरों के नाम हटाने पर जोर
- सरकार द्वारा एस्मा लागू किए जाने का विरोध, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने जताया कड़ा ऐतराज
- स्वर्गीय दिनेश चंद्र श्रीवास्तव की पुण्यतिथि पर 16 दिसंबर को विचार गोष्ठी और पत्रकार सम्मान समारोह
- ललित नरायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय में अत्याधुनिक फार्मेसी विंग का उद्घाटन
- आईटीआई मंडलीय खेलकूद में ‘गोरखपुर’ का दबदबा, विधायक महेन्द्र पाल सिंह ने विजेताओं को किया सम्मानित
- पूर्वोत्तर रेलवे ने RPF बास्केटबॉल टूर्नामेंट में दर्ज की रोमांचक जीत, जानें दूसरे दिन के परिणाम
- भारतीय रेलवे का तोहफा, छोटे व्यापारियों के लिए पार्सल बिज़नेस के नियम आसान, एग्रीगेटर फीस 50% कम
- गोरखपुर समाचार: आज की प्रमुख सुर्खियां: एक नजर में जानें गोरखपुर शहर की हर खबर
- दरभंगा आनंद विहार स्पेशल: यात्रियों की भारी मांग पर दिल्ली के लिए चली विशेष गाड़ी, नोट करें टाइमिंग
- गोरखपुर समाचार: आज की प्रमुख सुर्खियां: एक नजर में जानें गोरखपुर शहर की हर खबर
- आरसी में मोबाइल नंबर अपडेट कराने से जुड़ी पूरी जानकारी, जानिये आरटीओ की गाइडलाइन
- निगम की पहल: खरैया और भरवलिया पोखरा बनेंगे अत्याधुनिक मनोरंजन केंद्र, ₹8 करोड़ का DPR तैयार
- GDA की नई योजना: EWS से लेकर सुपर HIG तक 430 आवासीय भूखंडों के लिए आज से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू
- गोलघर में कपड़े की दुकान में लगी भीषण आग, शार्ट सर्किट से हुआ लाखों का नुकसान
- ‘सिंचाई विभाग में फाइलों पर कुंडली मारकर बैठे अधिकारी, भुगतान के लिए महीनों से भटक रहे पेंशनर्स’
- गोरखपुर समाचार: आज की प्रमुख सुर्खियां: एक नजर में जानें गोरखपुर शहर की हर खबर
- आठवां वेतन आयोग: पेंशनर्स को लाभ पर सरकार लाए ‘श्वेतपत्र’, गोरखपुर में हुई बड़ी मांग
- डीएम ने देखी एसआईआर डाटा फीड की हकीकत, सहजनवा तहसील निरीक्षण में नाजिर पर गिरी गाज
- गोरखपुर: वीडियो वायरल होने के बाद उद्यान निरीक्षक पर गिरी गाज, बस्ती कार्यालय से संबद्ध
- गीडा ब्रान आयल फैक्ट्री में भयंकर आग, हेक्सेन रिसाव ने किया हाल बेहाल; DM ने बैठाई जांच
- कोडीन सिरप की अवैध बिक्री पर नकेल: गोरखपुर के कुशल फार्मा से 41 हजार शीशी का रिकॉर्ड मिला
- सेंट जोसेफ स्कूल: 25 साल बेमिसाल! गोरखनाथ में हुआ रजत जयंती समारोह का भव्य आगाज़
- समाजवादी शिक्षक सभा: भोलानाथ शुक्ला बने गोरखपुर के नए जिलाध्यक्ष








