Gorakhpur: एम्स गोरखपुर के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग ने शनिवार को खोराबार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सर्वाइकल कैंसर जागरूकता सत्र का आयोजन किया. इस सत्र में एएनएम, जीएनएम नर्सिंग छात्राओं और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने भाग लिया.
विशेषज्ञों ने सर्वाइकल कैंसर के कारणों, लक्षणों और बचाव के उपायों पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव, अनियमित माहवारी, संभोग के बाद खून आना, बदबूदार पानी आना और पेट दर्द जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
सत्र में शुरुआती पहचान के लिए नियमित जांच और एचपीवी टीकाकरण के महत्व पर जोर दिया गया. विशेषज्ञों ने बताया कि लक्षण न होने पर भी हर तीन साल में एक बार पैप जांच जरूर करानी चाहिए. यह जांच दर्द रहित होती है और कैंसर को शुरुआती स्तर पर ही पकड़ लेती है.
- केन्द्रीय विद्यालय कुशीनगर में शिक्षकों की भर्ती के लिए साक्षात्कार
- एम्स गोरखपुर ने रचा इतिहास, शहर का पहला प्लाज्मा एक्सचेंज सफल
- गोरखपुर बौद्ध संग्रहालय में राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला का समापन, 89 प्रतिभागी सम्मानित
गर्भाशय मुख का कैंसर एचपीवी संक्रमण से फैलता है और इसे पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है. कार्यक्रम में सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने इस महत्वपूर्ण जानकारी को लोगों तक पहुंचाने और पैप स्क्रीनिंग व एचपीवी टीकाकरण के लिए जागरूक करने का संकल्प लिया.
एम्स स्त्री रोग विभाग की यह पहल खोराबार से शुरू होकर हर शनिवार गोरखपुर के अन्य पीएचसी व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी आयोजित की जाएगी. इसका उद्देश्य स्वास्थ्यकर्मियों और नागरिकों को सर्वाइकल कैंसर के मामलों को कम करने के लिए प्रेरित करना है.