गोरखपुर: शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (गोरखपुर चिड़ियाघर) में हाल के महीनों में वन्यजीवों की सिलसिलेवार मौतों ने गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। इन मौतों का केंद्र विनाशकारी बर्ड फ्लू (H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा) का प्रकोप रहा, जिसके कारण चिड़ियाघर को अस्थायी रूप से बंद भी करना पड़ा। बर्ड फ्लू संकट के कुछ महीनों बाद, अब बब्बर शेर ‘भरत’ की मिर्गी के दौरे से हुई मौत ने एक बार फिर चिड़ियाघर के प्रबंधन, जानवरों के स्वास्थ्य और भोजन की आपूर्ति की गुणवत्ता पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
बर्ड फ्लू (H5N1) ने ली कई वन्यजीवों की जान
गोरखपुर चिड़ियाघर में वर्ष 2025 में हुई वन्यजीवों की मौतें चिंता का मुख्य विषय हैं। सबसे पहले, पीलीभीत से रेस्क्यू कर लाए गए बाघ ‘केसरी’ की मौत 30 मार्च को हुई। इसके बाद 5 मई को मादा भेड़िया ‘भैरवी’ और 7 मई को बाघिन ‘शक्ति’ की मौत ने हड़कंप मचा दिया। भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान (NIHSAD) की विसरा रिपोर्ट में इन दोनों की मौत का कारण H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई।
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संक्रमित वन्यजीवों का विवरण
- शक्ति (बाघिन): 7 मई को मौत, NIHSAD द्वारा बर्ड फ्लू की पुष्टि।
- भैरवी (मादा भेड़िया): 5 मई को मौत, NIHSAD द्वारा बर्ड फ्लू की पुष्टि।
- पटौदी (बब्बर शेर): लगभग 16 मई को कानपुर चिड़ियाघर में इलाज के दौरान मौत, बाद में H5N1 पॉजिटिव पाया गया।
- मोना (तेंदुआ): इसी अवधि में हुई मृत्यु।
- कॉकटेल (पक्षी): 23 मई को मौत, बर्ड फ्लू संक्रमण की पुष्टि।
- इसके अलावा, बाघिन ‘मैलानी’, तेंदुए के दो शावकों, एक हिमालयन गिद्ध और एक कॉकटेल पक्षी में भी बर्ड फ्लू संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
शेर ‘भरत’ की मौत ने बढ़ाया संकट
बर्ड फ्लू संकट के महीनों बाद, बब्बर शेर ‘भरत’ की अक्टूबर (रविवार) को हुई मौत ने चिड़ियाघर को फिर से सुर्खियों में ला दिया। लगभग सात वर्षीय ‘भरत’ को शेरनी ‘गौरी’ के साथ इटावा लायन सफारी से लाया गया था।
मिर्गी के दौरे से गई जान
चिड़ियाघर के निदेशक विकास यादव ने पुष्टि की है कि शेर ‘भरत’ की मौत पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, मिर्गी के दौरे से हुई है। शेर को मई 2025 में भी दौरा पड़ा था, तब बर्ड फ्लू की आशंका को खारिज करते हुए मिर्गी की पुष्टि की गई थी और इलाज के बाद वह ठीक हो गया था। रविवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर इलाज के बावजूद उसकी मौत हो गई। ‘भरत’ की साथी शेरनी ‘गौरी’ को निगरानी में रखा गया है।
खाद्य आपूर्ति की गुणवत्ता पर सवाल
सिलसिलेवार मौतों ने मांसाहारी वन्यजीवों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। चिड़ियाघर में मांसाहारी जानवरों के लिए मटन, चिकन और अन्य खाद्य पदार्थों की आपूर्ति का टेंडर एसफोर इन्फोकॉम के मालिक गोपाल राय के पास है। पशु चिकित्सक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने ठेकेदार से उन दुकानों की सूची मांगी है जहां से मांस खरीदा जाता है, ताकि उन स्थानों की जांच और सैनिटाइजेशन किया जा सके।
गोरखपुर चिड़ियाघर में वन्यजीवों की मौतें (2025)
वन्यजीव का नाम | प्रजाति | मृत्यु की तिथि | मृत्यु का कारण |
केसरी | बाघ | 30 मार्च | – |
भैरवी | मादा भेड़िया | 5 मई | बर्ड फ्लू (H5N1) |
शक्ति | बाघिन | 7 मई | बर्ड फ्लू (H5N1) |
मोना | तेंदुआ | 8 मई | – |
पटौदी | बब्बर शेर | ~16 मई | बर्ड फ्लू (H5N1) पॉजिटिव |
कॉकटेल | पक्षी | 23 मई | बर्ड फ्लू संक्रमण |
भरत | बब्बर शेर | अक्टूबर | मिर्गी का दौरा |