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एमएमएमयूटी: अत्याधुनिक ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी लैब’ की होगी शुरुआत, बैटरी क्षमता पर होगा शोध

Madan Mohan Malaviya University of Technology
MMMUT गोरखपुर में ₹79 लाख की लागत से अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी लैब बनेगी। यह प्रदेश की पहली ऐसी लैब हो सकती है, जहाँ इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी क्षमता वृद्धि पर शोध होगा।

गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) गोरखपुर में इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते महत्व को देखते हुए एक बड़ा कदम उठाया गया है। विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में एक अत्याधुनिक ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी लैब’ की स्थापना की जाएगी। इस परियोजना पर अनुमानित ₹79 लाख का खर्च आएगा, जिसे विश्वविद्यालय अपने आंतरिक संसाधनों से वहन करेगा।

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किन पहलुओं पर होगा अनुसंधान?

मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षकों की एक टीम, जिसमें डॉ. धीरेन्द्र सिंह, डॉ. प्रशांत सैनी, और डॉ. वीरेंद्र कुमार शामिल हैं, ने इस लैब के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया था। इस प्रस्ताव को विश्वविद्यालय की विद्या परिषद और वित्त समिति से मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद अब लैब की स्थापना की जाएगी।

यह लैब मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी मैनेजमेंट की दिशा में शोध पर ध्यान केंद्रित करेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी प्रौद्योगिकी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि यह वाहन की दक्षता, रेंज और लागत में केंद्रीय भूमिका निभाती है। इस प्रयोगशाला में विभिन्न उपकरणों के माध्यम से बैटरी की ऊर्जा घनत्व, सुरक्षा और जीवनकाल में सुधार लाने की दिशा में गहन अनुसंधान किए जाएंगे।

राजस्व भी अर्जित करेगी लैब, नए कोर्स भी शुरू होंगे

यह प्रयोगशाला केवल अनुसंधान तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि विश्वविद्यालय के लिए राजस्व भी अर्जित करेगी। लैब में वाणिज्यिक परीक्षण और सत्यापन सेवाएँ उपलब्ध होंगी, जहाँ विभिन्न प्रकार की बैटरी और अन्य अवयवों का परीक्षण किया जा सकेगा। इसके साथ ही, प्रयोगशाला के विशेषज्ञ डिज़ाइन सत्यापन और सुरक्षा अनुपालन के लिए परामर्श सेवाएँ भी प्रदान करेंगे।

विश्वविद्यालय को उम्मीद है कि यह प्रयोगशाला इलेक्ट्रिक वाहनों की दक्षता के क्षेत्र में उच्चस्तरीय अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देगी, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा। उद्योगों के सहयोग से परीक्षण, सत्यापन और परामर्श सेवाएँ प्रदान की जाएंगी, जिससे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और वित्तीय संसाधन बढ़ेंगे। भारत जैसे देश में, जहाँ इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की नीतियाँ बन रही हैं, यह लैब कुशल कार्यबल तैयार करने और नवाचार को बढ़ावा देने में मदद करेगी।

MMMUT का लक्ष्य इस लैब के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण शोध केंद्र के रूप में स्थापित होना है। इसी दृष्टिगत, इस सत्र से बी.टेक. के छात्रों के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल सिस्टम्स और एनर्जी स्टोरेज एंड मैनेजमेंट जैसे माइनर डिग्री पाठ्यक्रम भी शुरू किए जा रहे हैं, ताकि छात्रों को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कार्यप्रणाली के बारे में सैद्धांतिक और प्रायोगिक दोनों ढंग से दक्ष बनाया जा सके।

कुलपति ने दिया उच्चस्तरीय शोध का आश्वासन

माननीय कुलपति प्रो. जे.पी. सैनी ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुसंधान और विकास के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है और उच्च गुणवत्ता के शोध के लिए कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने जोर दिया कि उच्च गुणवत्ता के शोध से विद्यार्थियों, संस्थान, समाज और राष्ट्र सभी को लाभ मिलेगा। कुलपति ने बताया कि इलेक्ट्रिक व्हीकल की दिशा में अभी शोध की बहुत संभावनाएं हैं, और इस दिशा में शोध करने से विद्यार्थियों, विभाग, एवं विश्वविद्यालय सभी को अकादमिक लाभ होगा और वित्तीय संसाधन भी बढ़ेंगे।



Priya Srivastava

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About Author

Priya Srivastava दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में परास्नातक हैं. गोगोरखपुर.कॉम के लिए इवेंट, एजुकेशन, कल्चर, रिलीजन जैसे टॉपिक कवर करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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