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आठ वर्षों में गोरखपुर बना उद्योगों का हब, 11,618 करोड़ रुपये का निवेश

गीडा गोरखपुर में स्थापित नई फैक्ट्री

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आठ वर्षों में गोरखपुर बना उद्योगों का हब, 11,618 करोड़ रुपये का निवेश
आठ वर्षों में गोरखपुर बना उद्योगों का हब, 11,618 करोड़ रुपये का निवेश

Gorakhpur: योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद पिछले आठ वर्षों में गोरखपुर में औद्योगिक विकास की एक नई लहर आई है। दशकों से औद्योगिक विकास के लिए संघर्ष कर रहे इस जिले ने अब एक महत्वपूर्ण परिवर्तन देखा है। योगी सरकार के प्रयासों से, गोरखपुर में 11,618.75 करोड़ रुपये का अभूतपूर्व औद्योगिक निवेश हुआ है, जिससे 39,448 लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।

औद्योगिक विकास में अभूतपूर्व वृद्धि

योगी सरकार के पहले, 2012 से 2017 तक, गोरखपुर में केवल 29.33 करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश हुआ था, जिससे केवल 307 लोगों को रोजगार मिला था। योगी सरकार के आठ वर्षों में, 319 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हुई, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला। गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) में मल्टीनेशनल कंपनियों सहित कई बड़ी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हुई है।

इन कंपनियों से आए बड़े निवेश

  • केयान इंडस्ट्रीज: 1200 करोड़ रुपये का निवेश, 1000 रोजगार
  • वरुण ब्रेवरेज: 1100 करोड़ रुपये का निवेश, 1509 रोजगार
  • अंकुर उद्योग: 500 करोड़ रुपये का निवेश, 2000 रोजगार
  • इंडिया ऑटोव्हील्स: 400 करोड़ रुपये का निवेश, 1500 रोजगार
  • एसडी इंटरनेशनल: 300 करोड़ रुपये का निवेश, 300 रोजगार
  • सीपी मिल्क: 118 करोड़ रुपये का निवेश, 1000 रोजगार
  • तत्वा प्लास्टिक्स : 105 करोड़ रुपये का निवेश, 110 रोजगार
  • कपिला कृषि : 100 करोड़ रुपये का निवेश, 150 रोजगार

तैयार है विकास का इकोसिस्टम

गोरखपुर में बुनियादी ढांचे के विकास, सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी में सुधार ने निवेश के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाया है। गीडा में गारमेंट पार्क, प्लास्टिक पार्क और फ्लैटेड फैक्ट्री जैसे औद्योगिक पार्क विकसित किए जा रहे हैं। धुरियापार में 5500 एकड़ में एक औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है, जिससे 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

औद्योगिक हब बनने की ओर गोरखपुर

गोरखपुर पूर्वांचल के औद्योगिक हब के रूप में उभर रहा है। गीडा द्वारा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 800 एकड़ में एक औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है। धुरियापार में एक इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित करने की योजना है।

अमित श्रीवास्तव

About Author

गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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