गोरखपुर विश्वविद्यालय में बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के प्रवेश निषेध
Gorakhpur: सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों और उनसे बचाव के उपायों पर चर्चा की गई. विश्वविद्यालय की कुलपति ने परिसर में बिना हेलमेट के प्रवेश को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करने की घोषणा की.
सड़क दुर्घटनाएं: लापरवाही और ओवरस्पीडिंग प्रमुख कारण: संभागीय परिवहन अधिकारी गोरखपुर, रामवृक्ष सोनकर ने बताया कि सड़क दुर्घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और इन्हें रोका जा सकता है. गोरखपुर में लापरवाही और ओवरस्पीडिंग दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हैं. जागरूकता और यातायात नियमों का पालन करके दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है.
युवाओं की मृत्यु का आंकड़ा: संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन, संजय कुमार झा ने बताया कि 2023 में गोरखपुर में 1284 दुर्घटनाओं में 494 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि 2024 में 1276 दुर्घटनाओं में 435 लोगों की मृत्यु हुई. इनमें 18 से 35 वर्ष के युवाओं की संख्या अधिक है, जिनमें से अधिकांश बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के गाड़ी चलाते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार सड़क सुरक्षा और दुर्घटनाओं में जनहानि में 50% से अधिक कमी लाने के लिए संवेदनशील है.
सड़क सुरक्षा नियमों का पालन: राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक, डॉ. सत्यपाल सिंह ने बताया कि उनकी संस्था यातायात पुलिस के सहयोग के लिए तत्पर है. उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना का प्रभाव परिवार पर पड़ता है, इसलिए सड़क सुरक्षा नियमों का पालन आवश्यक है.
विश्वविद्यालय की कुलपति की घोषणा: विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो. पूनम टंडन ने राष्ट्रीय सेवा योजना की सराहना की और कहा कि समाज को दिशा देने का काम युवाओं का है. उन्होंने कहा कि देश की उन्नति में सड़कों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और वाहन चलाने से पहले हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग करने का प्रण लेना चाहिए. उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में बिना हेलमेट के प्रवेश को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करने की घोषणा की.
इस कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला गया और युवाओं को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया गया. विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी परिसर में बिना हेलमेट के प्रवेश को प्रतिबंधित करके सड़क सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है.