Gorakhpur: पिपराइच के गढ़वा में रोहिंग्या की मौजूदगी को लेकर पुलिस प्रशासन ने जांच तेज कर दी है। कुछ स्थानीय लोग जहां रेलवे पटरी के किनारे झुग्गियों में बसे परिवारों को रोहिंग्या मानते हैं, वहीं पुलिस की प्रारंभिक जांच में उन्हें रोहिंग्या कहने का कोई आधार सामने नहीं आया है। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले कथित रोहिंग्या परिवार यहां अचानक नहीं आ गए हैं। ये धीरे-धीरे यहां आकर बसे। ये परिवार ‘रोहिंग्या’ हैं, इस बात की जानकारी उन्हें बाद में हो पाई। गौरतलब है कि ताजा प्रकरण में जब पिपराइच में ‘रोहिंग्या’ की मौजूदगी की शिकायत पहुंची तो पुलिस और प्रशासन के कान खड़े हो गए। यह सवाल उठने लगे कि अगर ये रोहिंग्या हैं, तो इन्होंने पिपराइच इलाके में पहुंच कैसे बना ली?
एफआईआर में 50 रोहिंग्या का जिक्र
मौजूदा प्रकरण की शुरुआत को बीते शनिवार को तब हुई जब गढ़वा चौक के पास पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अनुपमा आर्या, उनके पति मुरारी लाल एडवोकेट और पुत्र सूर्याश गुप्ता के साथ कुछ दबंगों ने मारपीट की। इस घटना में तीनों घायल हो गए। इसके बाद अनुपमा आर्या ने रविवार को पिपराइच पुलिस को शिकायत दी। उन्होंने आरोप लगाए कि मारपीट में शामिल लोगों में रोहिंग्या मुसलमान थे। पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ नामजद और 50 अज्ञात रोहिंग्या के खिलाफ केस दर्ज किया।
‘रोहिंग्या’ फरार, झोपड़ियां हुईं खाली
स्थानीय लोग बताते हैं कि पिछले साल रेलवे डिपो के पास दो जगहों पर बाहर से आए लोग अपने परिवार के साथ बस गए। ये लोग मजदूरी, कबाड़ बेचने, फेरी लगाने, मधु निकालने और मुर्गी पालन जैसे काम करते हैं। रेलवे डिपो के पास रहने वाले कुछ लोगों ने बताया कि पिछले साल हैंडपंप लगाने से मना करने पर वहां अवैध रूप से बसे लोगों ने उनके साथ मारपीट की थी। इस घटना के बाद से यहां इन परिवारों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। कहा जा रहा है कि इन परिवारों में कुछ ने अपने आधार कार्ड भी बनवा लिए हैं। जिन कथित रोहिंग्या परिवारों के खिलाफ अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज की गई है, वे सभी मौके से फरार हैं। उनकी झोपड़ियां खाली पड़ी हैं।
इस मामले में नगर पंचायत पिपराइच के पूर्व चेयरमैन और भाजपा नेता जीतेंद्र कुमार जायसवाल ने मुख्यमंत्री और विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखकर रोहिंग्या को हटाने की मांग भी की है।
इस संबंध में सीओ चौरीचौरा अनुराग सिंह ने बताया कि उनकी टीम सोमवार को जांच के लिए मौके पर गई थी। इस मामले में अब तक जितने लोगों से पूछताछ की गई है वे सभी स्थानीय लोग ही हैं। सबके आधार कार्ड, नाम और पते की जानकारी जुटाई गई है। प्राथमिक जांच में ऐसा कोई भी तथ्य सामने नहीं आया है, जिसके आधार पर रोहिंग्या माना जाए।
मामले में तहरीर मिली थी। रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। अभी जांच चल रही है। फिलहाल ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया है।
– जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, एसपी उत्तरीयह भी पढ़ें