गोरखपुर की धरा बौद्ध धर्म-संस्कृति का केंद्र रही है. भगवान बुद्ध की जन्म और निर्वाण स्थली दोनों ही यहां से बस थोड़ी दूर हैं. गोरखपुर अंचल के इस महत्व को देखते हुए मई, 1997 में प्रदेश की मायावती सरकार ने शहर में रामगढ़ झील के पास राजकीय बौद्ध संग्रहालय की स्थापना कराई. इस संग्रहालय के देखरेख की ज़िम्मेदारी उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की है.
संग्रहालय सप्ताह में छह दिन खुलता है. इसके खुलने का समय सुबह साढ़े दस से लेकर शाम साढ़े चार बजे तक है. इसकी साप्ताहिक बंदी सोमवार को होती है. महीने के दूसरे शनिवार और अन्य राजपत्रित अवकाश को भी यह संग्रहालय बंद रहता है.
छात्रों, शोधार्थियों के साथ ही आम नागरिकों के लिए यहां भगवान बुद्ध के जीवनकाल से जुड़ी और बौद्ध धर्म, जैन धर्म से जुड़ी सैकड़ों देखने लायक कृतियां, अवशेष, खोदाई में मिली वस्तुएं हैं. यहां प्रवेश के लिए मामूली शुल्क लगता है. बच्चों के प्रवेश के लिए कोई टिकट नहीं लेना होता है.