- गीता प्रेस पहुंचीं हाईटेक मशीनें, मानस और हनुमान चालीसा की मांग होगी पूरी
Geeta Press new printing machine capacity: अयोध्या में 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद भगवान राम से जुड़ी पुस्तकों की मांग में लगातार बढोतरी देखने को मिली. इस वर्ष रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामचरितमानस की मांग में कई गुना इजाफा हुआ. रामचरितमानस, हनुमान चालीसा सहित अन्य धार्मिक साहित्य की मांग पूरी करने में गीता प्रेस की मौजूदा मशीनें कम पड़ने लगीं. गीता प्रेस कई देशों को मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं कर पा रहा. मौजूदा वक्त में यहां से कुल मांग की तुलना में सिर्फ 70 फीसदी पुस्तकें ही छप पा रही हैं. इसका समाधान करने के लिए गीता प्रेस प्रबंधन ने जापानीे कंपनी कोमोरी कॉर्पोरेशन की आधुनिक प्रिंटिंग मशीन मंगाई थी. साढ़े पांच करोड़ रुपये लागत वाली यह मशीन गीता प्रेस पहुंच चुकी है और सोमवार से नई मशीन के इंस्टालेशन का काम शुरू हो गया है. जापान से मंगाई गई नई मशीन से एक घंटे में लगभग 15 हजार बड़े पेज की छपाई संभव हो सकेगी.
गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि बहुप्रतीक्षित जापानी कोमोरी मशीन आ चुकी है. इसे इंस्टाल करने का काम सोमवार से शुरू हो गया है. दिल्ली से आए मैकेनिक एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों की टीम 10 दिन में इंस्टॉलेशन का कार्य पूरा कर लेगी. 900 वर्ग फुट में स्थापित हो रही इस मशीन से छपाई शुरू होने पर धार्मिक पुस्तकों की मांग के अनुरूप आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी. उन्होंने बताया कि अभी रामचरितमानस और हनुमान चालीसा की मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो पा रही है.
प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि बंगलुरू और बल्लभगढ़ से मंगाई गई दो और मशीनों के इंस्टालेशन का काम भी जारी है. इन सभी मशीनों के स्थापित होने के बाद कलर प्रिंटिंग की क्षमता में 30 फीसदी तक की वृद्धि हो जाएगी. गीता प्रेस के प्रबंधक ने बताया कि छपाई के लिए जर्मनी से भी एक मशीन मंगाने पर बातचीत चल रही है. अगर वह मशीन गीता प्रेस के मानकों पर खरा उतरती है तो जल्द ही उसे भी आर्डर किया जा सकता है. फिलहाल नौ करोड़ रुपये मूल्य की तीन मशीनें छपाई के लिए इंस्टाल कराई जा रही हैं.