
Gorakhpur: मेधा और डीडीयू के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे ‘सफरनामा’ का शनिवार को समापन हो गया. कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत के बाद संक्षिप्त फिल्म के माध्यम से मेधा के दस वर्षों की यात्रा को प्रस्तुत किया गया.
कार्यक्रम में चीफ गेस्ट पूर्व मुख्य सलाहकार प्रधानमंत्री एवं पूर्व सेक्रटरी एमआरडी अमरजीत सिन्हा ने कहा कि देश में महिलाओं की साक्षरता दर को बढ़ाने की जरूरत है. महिलाओं की शैक्षिक स्थिति सुदृढ़ होगी तभी देश आर्थिक रूप से प्रगति कर सकेगा. महिला साक्षरता की दृष्टि से दक्षिण भारत काफी समृद्ध है, तभी वहां की महिलाएं अधिक सक्रिय हैं. दीक्षा भवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को कैसे एक सम्मानजनक आय के लिए तैयार किया जा सकता है. उन्होंने 95 जिलों में किए गए अपने कार्यों के अनुभव साझा किए.
अपने अध्यक्षीय संबोधन में डीडीयू की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने मेधा के वर्तमान कार्यों पर प्रकाश डाला और बताया कि यह विश्वविद्यालय गोरखपुर के युवाओं की मदद कर रहा है. पूर्व कुलपति प्रोफेसर अशोक कुमार ने मेधा करियर सेंटर के उद्घाटन के पलों को याद करते हुए समग्र शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया.
इस अवसर पर पूर्व छात्रों ने अपने प्रेरणादायक अनुभव साझा किए. प्रोफेसर आलोक कुमार गोयल, समन्वयक करियर काउंसिलिंग एवं प्लेसमेंट सेल ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मेधा के सह-संस्थापक व्योमकेश मिश्रा ने गोरखपुर में मेधा के पहले कदमों से लेकर 2600 से अधिक छात्रों को 21वीं सदी के आवश्यक कौशल प्रदान करने की यात्रा साझा की.