कलाई के मांस से तैयार की जीभ, मरीज की बचाई जान

एम्स गोरखपुर में 14 घंटे की मैराथन सर्जरी में कैंसर मरीज को मिली नई जिह्वा
Gorakhpur: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के ईएनटी विभाग ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. डॉक्टरों ने 14 घंटे की मैराथन सर्जरी में जीभ के कैंसर से पीड़ित एक मरीज को नई जिह्वा प्रदान की है. पूर्वांचल में इस तरह की जटिल सर्जरी पहली बार की गई है.
40 वर्षीय मरीज देवरिया जिले के भाटपाररानी से एम्स आया था. उसके जीभ के दाहिने हिस्से में कार्सिनोमा (कैंसर का घाव) था, जिससे उसे बोलने और खाने में तकलीफ हो रही थी. डॉक्टरों ने ‘फ्री फ्लैप रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी’ करने का फैसला किया, जिसमें मरीज के बाएं हाथ की कलाई से मांस लेकर नई जिह्वा बनाई गई.
इस जटिल सर्जरी में माइक्रोवैस्कुलर एनास्टोमोसिस तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिसमें माइक्रोस्कोप के नीचे कलाई के मांस की शिरा और धमनी को गले की नसों से जोड़ा गया. ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. रुचिका अग्रवाल के नेतृत्व में सर्जिकल टीम ने यह सफल सर्जरी की.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि फ्री फ्लैप रिकंस्ट्रक्शन एक उन्नत तकनीक है जो मरीज को बेहतर कार्यक्षमता और सौंदर्यपरक परिणाम देती है. इससे पहले ऐसी सर्जरी केवल टाटा वाराणसी और लखनऊ के कुछ निजी अस्पतालों में ही होती थी. एम्स गोरखपुर के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर अजय सिंह ने ईएनटी विभाग को इस सफलता पर बधाई दी है.
Jagdish lal
24 January 2025👏