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गोरखपुर में साइबर ठगों का नया ‘खेल’, बैंक मैनेजर बन उड़ाए 31 लाख रुपये, पढ़ें कैसे बचें

cyber crime
गोरखपुर में साइबर अपराधियों ने बैंक मैनेजर और कस्टमर केयर अधिकारी बनकर दो लोगों से 31 लाख रुपये की ठगी की। जानें कैसे हुआ यह बड़ा फ्रॉड और आप कैसे बच सकते हैं ऐसे जालसाजों से।

गोरखपुर: साइबर अपराधियों ने ठगी का एक नया तरीका ईजाद किया है। उन्होंने खुद को बैंक मैनेजर और कस्टमर केयर अधिकारी बताकर गोरखपुर के गगहा क्षेत्र में दो लोगों से करीब 31 लाख रुपये ठग लिए हैं। अपराधियों ने पीड़ितों को यह झांसा दिया कि उनके खाते और बीमा पॉलिसी में कुछ गड़बड़ी है, जिसे ठीक करने के लिए उन्हें पैसे भेजने होंगे। एक पीड़ित सुरेंद्र चौधरी ने 19 लाख 31 हजार रुपये गंवा दिए, जबकि दूसरे पीड़ित जयप्रकाश नारायण मिश्रा से 12 लाख 89 हजार रुपये ठग लिए गए। इस मामले में साइबर थाने में शिकायत दर्ज कर ली गई है और पुलिस जांच में जुट गई है। यह घटना साइबर फ्रॉड से बचने के लिए लोगों को और अधिक सतर्क रहने की चेतावनी देती है।

ठगों ने बनाया ‘मेटालाइफ पॉलिसी’ को हथियार

गगहा क्षेत्र के सुरेंद्र चौधरी को एक अनजान नंबर से फोन आया, जिसमें ठग ने खुद को पंजाब नेशनल बैंक का मैनेजर आनंद बताया। उसने सुरेंद्र को बताया कि उनकी मेटालाइफ पॉलिसी में एजेंट ने गलत आईडी लगा दी है, जिसे ठीक करने के लिए उन्हें 65 हजार रुपये जमा करने होंगे। सुरेंद्र ने बिना सोचे समझे तुरंत पैसे भेज दिए। इसके बाद ठगों ने अलग-अलग बहाने बनाकर उनसे कई बार और पैसे ऐंठे। उन्होंने सुरेंद्र को यह भी लालच दिया कि अगर वे और पैसे भेजेंगे तो उन्हें और उनकी पत्नी को हर महीने 12,500 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी। ठगों की बातों में आकर सुरेंद्र ने कुल 19 लाख 31 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए।

‘अकाउंट अपडेट’ के नाम पर लाखों की ठगी

इसी तरह, गगहा के पड़पुरवा निवासी जयप्रकाश नारायण मिश्रा को भी 2 अगस्त 2025 को सुबह एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का कस्टमर केयर अधिकारी बताया और कहा कि उनका खाता अपडेट नहीं है। खाता अपडेट करने के बहाने ठग ने जयप्रकाश से 49 हजार रुपये मांगे। झांसे में आकर जयप्रकाश ने 12 लाख 89 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। जब उन्होंने दोबारा फोन किया, तो नंबर बंद मिला, तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ।

ऐसे बचें इन शातिर ठगों से

इस तरह की ठगी से बचने के लिए हमेशा सतर्क रहना जरूरी है। किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर अपने बैंक खाते या बीमा पॉलिसी से जुड़ी कोई भी जानकारी साझा न करें। अगर कोई व्यक्ति खुद को बैंक मैनेजर या अधिकारी बताकर पैसे मांगता है, तो तुरंत अपने बैंक की नजदीकी शाखा में जाकर जानकारी की पुष्टि करें। किसी भी तरह के संदेह होने पर, तुरंत पुलिस और साइबर सेल से संपर्क करें।

“पीड़ितों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ने के लिए कार्रवाई की जाएगी।” – साइबर अपराध थाना, गोरखपुर।

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Amit Srivastava

Amit Srivastava

About Author

गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. Amit Srivastava अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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