मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और इन्फ्लिबनेट सेंटर के बीच MoU पर हस्ताक्षर। छात्रों और शोधकर्ताओं को मिलेंगी डिजिटल शैक्षणिक और शोधपरक सेवाएं।
गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT), गोरखपुर और इन्फ्लिबनेट सेंटर (इंफॉर्मेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क सेंटर), गांधीनगर, गुजरात के बीच आज एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता विश्वविद्यालय में डिजिटल शैक्षणिक और शोधपरक सेवाओं को बढ़ावा देगा।
यह अनुबंध उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल और विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की गरिमामयी उपस्थिति में राजभवन, लखनऊ में संपन्न हुआ। विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव श्री चंद्र प्रकाश प्रियदर्शी ने हस्ताक्षर किए, जबकि इन्फ्लिबनेट सेंटर की ओर से निदेशक डॉ. देविका पी. मादली ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. जय प्रकाश सैनी सहित विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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इस समझौते के तहत, विश्वविद्यालय में इन्फ्लिबनेट (INFLIBNET) द्वारा विकसित विभिन्न शैक्षणिक और शोधपरक डिजिटल सेवाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा। इससे विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छात्रों को इन्फ्लिबनेट के माध्यम से निम्नलिखित राष्ट्रीय स्तर की सेवाओं का लाभ मिलेगा:
- ई-लाइब्रेरी: राष्ट्रीय स्तर की डिजिटल पुस्तकालय तक पहुंच।
- शोध प्रबंधन: शोध कार्यों के प्रभावी प्रबंधन के लिए उपकरण।
- शोध गुणवत्ता जांच: शोध पत्रों की मौलिकता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ‘शोधचिंतक’ (ShodhShuddhi / URKUND) जैसी प्रणालियाँ।
- डिजिटल थीसिस भंडारण: ‘शोधगंगा’ (Shodhganga) के माध्यम से शोध प्रबंधों का डिजिटल भंडारण और पहुंच।
- ई-सामग्री प्रबंधन: ई-सामग्री का कुशल प्रबंधन और ‘राष्ट्रीय ई-ग्रंथालय’ (NDL) के माध्यम से सुलभता।
- अनुसंधान सूचना नेटवर्क: शोध संबंधी जानकारी और सहयोग के लिए नेटवर्क।
- ई-शोध सिंधु: उच्च गुणवत्ता वाली ई-जर्नल्स, ई-बुक्स और डेटाबेस की सदस्यता।
- विद्यांजलि: शैक्षणिक पोर्टल्स और ऑनलाइन प्रशिक्षण।
यह समझौता न केवल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता में वृद्धि करेगा, बल्कि शोध में पारदर्शिता और नवाचार को भी बल देगा। यह पहल विश्वविद्यालय के अकादमिक और शोध क्षेत्र को डिजिटल नवाचार की दिशा में आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इन्फ्लिबनेट केंद्र, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), नई दिल्ली द्वारा स्थापित एक स्वायत्त अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र है, जो देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों को सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी आधारित संसाधन प्रदान करता है।
इस अवसर पर एमएमएमयूटी के माननीय कुलपति प्रो. जे.पी. सैनी ने कहा, “मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर और इन्फ्लिबनेट सेंटर, गांधीनगर के बीच संपन्न समझौता ज्ञापन एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह सहयोग हमारे विश्वविद्यालय को डिजिटल शैक्षणिक संसाधनों के क्षेत्र में नए आयाम प्रदान करेगा। इन्फ्लिबनेट की सेवाएँ, जैसे शोधगंगा और शोधचिंतक, शोध की गुणवत्ता और पारदर्शिता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। ई-शोध सिंधु के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली ई-जर्नल्स और डेटाबेस तक पहुँच से हमारे शोधकर्ताओं को लाभ होगा।”
प्रोफेसर सैनी ने आगे कहा, यह समझौता छात्रों और शिक्षकों को राष्ट्रीय स्तर की ई-लाइब्रेरी और डिजिटल सामग्री प्रबंधन सेवाओं से जोड़ेगा। इससे विश्वविद्यालय का शैक्षणिक स्तर और सशक्त होगा। यह पहल नवाचार और तकनीकी प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन्फ्लिबनेट की विद्यांजलि जैसी सेवाएँ शैक्षिक संसाधनों को और सुलभ बनाएंगी। यह सहयोग विश्वविद्यालय को वैश्विक शैक्षणिक मानकों के समकक्ष लाने में सहायक होगा। कुल मिलाकर, यह समझौता हमारे संस्थान के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो शोध और शिक्षा में उत्कृष्टता की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगा।
प्रो. सैनी ने आगे कहा, “माननीय कुलाधिपति महोदया की प्रेरणा और मार्गदर्शन में एमएमएमयूटी ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। यह समझौता भी एक और उपलब्धि है। हमें विश्वास है कि माननीय कुलाधिपति महोदया की प्रेरणा में विश्वविद्यालय नित नई ऊंचाइयां प्राप्त करता रहेगा।”