ख़बर

पेंशनरों के लिए लोकपाल की नियुक्ति की जाए: राधामोहन दास अग्रवाल

पेंशनरों के लिए लोकपाल की नियुक्ति की जाए: राधामोहन दास अग्रवाल
लोको स्पोर्ट्स ग्राउंड में पेंशनर्स डे के अवसर पर सभा को संबोधित करते राज्यसभा सांदस आरएमडी अग्रवाल


GO GORAKHPUR:
राज्यसभा सदस्य डाक्टर आरएमडी अग्रवाल ने कहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों के पेंशन संबंधी सभी समस्याओं के समाधान के लिए लोकपाल की नियुक्ति की जानी चाहिए.वे इस मांग को सरकार के समक्ष रखना चाहते हैं. वे इसके लिए सदन में गैर सरकारी विधेयक भी रखने की तैयारी में हैं.उन्होंने सेवानिवृत्त कर्मचारियों से इसका प्रारूप तैयार करने में मदद की अपील की.

डा.अग्रवाल ‘पेंशनर्स दिवस’ पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम पूर्वोत्तर रेलवे पेंशनर्स एसोसिएशन केन्द्रीय संगठन की तरफ से स्थानीय लोको स्पोर्ट्स ग्राउंड मे दिन में दो बजे से आयोजित था.बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त रेल कर्मियों ने कार्यक्रम में शिरकत की. डा.अग्रवाल ने कहा कि पेंशनर्स जिन कुछ एक मांग की चर्चा यहां कर रहे हैं उन्हें वे सदन में उठा चुके हैं.उन्होंने रेलकर्मियों को उनके अधिकारों के प्रति आगाह करते हुए कहा कि उन्हें अपनी जायज मांगों के लड़ाई में संकोच नहीं करना चाहिए.उन्होंने रेलकर्मियों के लिए बनाई गई व्यवस्था विशेषतौर से मुख्यालय स्थित ललित नारायण मिश्र चिकित्सालय की गिरती सेवा व्यवस्था पर अपनी चिंता जाहिर की और बताया कि वे इस तरफ केंद्रीय रेल मंत्री का ध्यान आकृष्ट कर चुके हैं.वह यह बताने से नहीं चूके कि उन्होंने इसी अस्पताल में बतौर नागरिक कभी अपने मांता-पिता की चिकित्सा करवाई थी. तब इसकी साख थी और अब इसमें कितनी गिरावट आई है. उन्हें बताया कि रेल कर्मियों को नियमानुसार प्रतिमाह दिए जाने वाला भैषजिक भत्ता की धनराशि बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दिए जाने की मांग संसद में उठा चुके हैं. उन्होंने विभिन्न कर्मचारी संगठनों के कमजोर होते जाने, अपनी मांगों अथवा अधिकारों के प्रति जूझने की शक्ति में कमी आने आदि विंदुओं पर एक एक कर अपनी बात रखी. संगठन की तरफ से इस अवसर पर उन्हें उत्तरीय देकर उनका स्वागत किया गया.

पेंशनरों के लिए लोकपाल की नियुक्ति की जाए: राधामोहन दास अग्रवाल
लोको स्पोर्ट्स ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में मंचासीन अतिथि

उनसे पूर्व पूर्वोत्तर रेलवे के उप महाप्रबंधक पद से सेवा निवृत्त वरिष्ठ अधिकारी आरबी सिंह ने संबोधित किया. उन्होंने बताया कि जब कोई पद सृजित किया जाता है तो उस पद पर नियुक्त कर्मचारी पर पूरी सेवाकाल में आने वाला व्यय आंकलित होता है. इसमें पेंशन पर व्यय की जाने वाली धनराशि भी शामिल होती है. इसलिए हमें उम्मीद करनी चाहिए कि ‘ओपीएस’ पुरानी पेंशन देना किसी भी सरकार की मजबूरी है, उसे देना ही होगा. अपने संबोधन में उन्होंने कर्मचारी एकता, बेहतर स्वास्थ पर घ्यान देेने, आर्थिक सुरक्षा जैसे अनेक महत्वपूर्ण विंदुओं पर अपने विचार बड़ी संख्या में मौजूद लोगोंं से साझा किए.संगठन के लोगों ने शाल एवं पुष्प देकर उनका स्वागत किया.   

 

पेंशनरों के लिए लोकपाल की नियुक्ति की जाए: राधामोहन दास अग्रवाल
दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ करते पूर्वोत्तर रेलवे पेंशनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी

कार्यक्रम के आरंभ में राजेश वर्मा ने उस सेवानिवृत्त कर्मचारी डीएस नकारा द्वारा दायर मुकदमें की चरचा की जिनके प्रयासों से पेशनर्स की समस्यायों के समाधान की दिशा में कदम आगे बढ़े. विभिन्न बैंकों से पधारे वरिषठ अधिकारियों बैंकों की तरफ से पेंशनर्स को दी जाने  वाली सुविधाओं की चरचा की. पंजाब नेशनल बैंक के स.महाप्रबंधक राजनाथ, एस बी आई केसेल्स मैनेजर सचिन श्रीवास्तव, इण्डियन बैंक के डिप्टी जोनल मैनेजर सतीश चंद्र गुप्ता द्वारा  इन बैंको मे चल रहे पेंशनर हित की योजनाओ पर जानकारी दी गई. 

संगठन के कार्यकारी  अध्यक्ष अमिय रमण ने एजेंडा पर रखे गए मांगो की चर्चा की जिसका सभी ने  समर्थन किया. चिकित्सा निदेशक डा.बी.एन. चौधरी ने पेंशनर्स को स्वस्थ  रहने के लिए टिप्स दिए और अपनी ओर से पेंशनर्स को हर सम्भव सहायता देने का आश्वा सन दिया. महा मंत्री(संगठन) सुभाष चौधरी ने एसोसिएशन की उपलब्धिया विस्तार से बताया तथा मुन्नी लाल गुप्ता ने एसोसिएशन की प्रासंगिकता पर चर्चा की. अध्यक्षब्रह्मानंद सिंह ने  कहा कि पेंशन कोई भीख नही है जो नियोक्ता की मर्जी पर हो बल्कि यह एक संवैधानिक अधिकार है. कार्यक्रम का संचालन ए के विश्वकर्मा तथा रीता श्रीवास्तव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन अर्जुनकुमार कोहली ने किया.

क्यों मनाते हैं पेंशनर्स दिवस
बताते चलें कि प्रतिवर्ष 17 दिसंबर को केंद्रीय कर्मचारी पेंशनर्स दिवस मनाते हैं. इसी दिन सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश वाईबी चंद्रचूण ने 1982  को डीएस नकारा केस में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था.फैसले में कहा गया था कि पेंशन एक कर्मचारी का अधिकार है न कि सरकार का इनाम. इसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए.

  1. रक्षा मंत्रालय के अधिकारी डीएस नकारा की इस केस में मुख्य भूमिका थी.
  2. सरकार की एक स्कीम के तहत 31 मार्च 1974 से पहले सेवानिवृत्त लोगों को लाभों से वंचित कर दिया गया था. नकारा भी इस दायरे में आ गए थे. जिस वजह से उन्होंने केस दर्ज कराया था.
  3. उन्होंने भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी, 25 मई 1979 को भारत सरकार के एक आदेश के कारण हुए अन्याय के खिलाफ एक उदार पेंशन योजना की शुरुआत की.
  4. एचडी शौरी ने जनहित याचिका दायर करने में नकारा की मदद की. इस याचिका में पेंशन से संबंधित बुनियादी मुद्दों को उठाया गया. जिसने सुप्रीम कोर्ट को पेंशन पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए मजबूर कर दिया था.
  5. यह केस इतना महत्वपूर्ण था कि भारत में न्यायिक सक्रियता के पांच प्रतिष्ठित न्यायाधीशों ने निर्णय दिया था. इस केस में न्यायमूर्ति वाईवी चंद्रचूड़, तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति डीए देसाई, न्यायमूर्ति ओ चिन्नाप्पा रेड्डी, न्यायमूर्ति वी डी तुलसापुरकर और न्यायमूर्ति बहरुल इस्लाम प्रमुख थे.
If you have any news or information happening around you that you would like to share, we encourage you to reach out to us at 7834836688/contact@gogorakhpur.com. Your input is valuable to us, and we appreciate your efforts in keeping us informed about the latest events and occurrences.
गो गोरखपुर

गो गोरखपुर

About Author

गोरखपुर और आसपास की खबरों (gorakhpur news) के लिए पढ़ते रहें गो गोरखपुर न्यूज़ पोर्टल. सूचनाओं की भीड़ में आपके काम लायक हर जरूरी जानकारी पर रखें नज़र...गो गोरखपुर (www.gogorakhpur.com) के साथ.

यह भी देखें

Go Gorakhpur News
ख़बर

136 साल पुराने इस स्कूल से आपके घर में किसी ने ज़रूर की होगी पढ़ाई

Gorakhpur: गोरखपुर में 1886 में जुबिली स्कूल की नींव रखी गई थी. अंग्रेजों द्वारा खोला गया गोरखपुर रीजन का यह
ख़बर

जीनियस पब्लिक स्कूल के बच्चों ने दी रंगारंग प्रस्तुति

स्वतंत्रता दिवस पर दिव्यनगर कॉलोनी स्थित जीनियस पब्लिक स्कूल में बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए. इससे पहले स्कूल की