लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार एक बार फिर राज्य को टेक्सटाइल के नक्शे पर प्रमुख स्थान दिलाने के लिए प्रयासरत है। इसी कड़ी में, राज्य के 10 जिलों में टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने की योजना को बजट में मंजूरी मिल गई है। यह पार्क “मुख्यमंत्री वस्त्र एवं परिधान पार्क योजना” के अंतर्गत विकसित किए जाएंगे और इनके लिए सरकार ने बजट में प्रारंभिक रूप से एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से न केवल टेक्सटाइल उद्योग को बढ़ावा मिलेगा बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
25 करोड़ रुपये तक की मिलेगी सब्सिडी
प्रमुख सचिव एमएसएमई, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार के अनुसार, इन टेक्सटाइल पार्कों को दो तरह से को-डेवलपमेंट मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा। पहला मॉडल निजी जमीन पर आधारित होगा, जहां डेवलपर अपने जमीन पर टेक्सटाइल पार्क विकसित करेंगे। ऐसे डेवलपर्स को सरकार 25 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी प्रदान करेगी। दूसरा मॉडल प्रदेश की बंद पड़ी मिलों या सरकारी जमीनों पर आधारित होगा। ऐसी सरकारी जमीनों को यूपीसीडा या यूपीएसआईसी के माध्यम से निजी डेवलपर्स को एक रुपये की टोकन मनी पर दिया जाएगा। डेवलपर्स द्वारा विकास के बाद, सरकार अपनी हिस्सेदारी तय करने के लिए निविदाएं आमंत्रित करेगी। जिस डेवलपर की हिस्सेदारी सरकार के लिए सबसे अधिक होगी, उसे ही जमीन आवंटित की जाएगी।
40,000 नए रोजगार की संभावना
इन टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना से प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी। अनुमान है कि प्रत्येक पार्क में कम से कम 1000 नई छोटी इकाइयां स्थापित होंगी। इन इकाइयों के संचालन से लगभग 40,000 नए रोजगार अवसर सृजित होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, इन पार्कों में लगभग 7000 करोड़ रुपये का निवेश आने का अनुमान है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा लाभ होगा। एक साथ 10 पार्कों के विकास से प्रदेश में टेक्सटाइल उद्योग का कायाकल्प होने की उम्मीद है और उद्यमियों में भी इसे लेकर उत्साह है।
यह टेक्सटाइल पार्क प्रदेश के निम्नलिखित 10 जिलों में स्थापित किए जाएंगे:
- कानपुर
- मऊ
- भदोही
- खलीलाबाद (संतकबीरनगर)
- गोरखपुर
- लोनी (गाजियाबाद)
- पिलखुआ (हापुड़)
- बाराबंकी
- संडीला (हरदोई)
- मेरठ