सृष्टि तुली, एक ऐसी लड़की जिसके दिल में सपनों की उड़ान थी. वह आसमान को छूने की ख्वाहिश रखती थी. वह एक ऐसे परिवार में जन्मी थी, जहां बहादुरी और देश सेवा के भाव कूट-कूट कर भरे थे. सृष्टि के दादाजी भारतीय सेना में मेजर थे, तो परदादा पंजाब पुलिस में. सृष्टि में बचपन से ही अदम्य साहस और कुछ खास करने की चाह थी.

Gorakhpur: सृष्टि की कहानी शुरू होती है उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर से. सृष्टि ने शहर के कार्मल और लिटिल फ्लावर स्कूल में अपनी पढ़ाई की. शुरू से ही उसकी गिनती तेज़ स्टूडेंट्स में थी. पढ़ाई में तो वह अव्वल थी ही, साथ ही, साहस और दुनिया को जानने की जिज्ञासा भी उसमें कूट-कूट कर भरी थी.
बचपन में टीवी सीरियल “उड़ान” देखकर उसके अंदर पायलट बनने का जुनून जग गया. इस सपने को हासिल करने के लिए उसने जी तोड़ मेहनत शुरू कर दी. और आखिरकार एक दिन उसके सपनों को पंख लग गए, क्योंकि वह सृष्टि थी, उसे आसमान की ऊंचाइयों को नापने से कोई नहीं रोक सकता था. इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद सृष्टि को पंतनगर में एविएशन कोर्स में दाखिला मिल गया. उसने खुद को उड़ान, नेविगेशन, और विमानों की दुनिया में समर्पित कर दिया. अपनी लगन और प्रतिभा के दम पर उसे अपने शिक्षकों और साथियों का सम्मान मिला. उसकी मेहनत रंग लाई और 23 साल की उम्र में वह एयर इंडिया में पायलट बन गई. निश्चित रूप से, यह उसकी अटूट लगन और कड़ी मेहनत का नतीजा था. तुली परिवार ने गर्व से अपनी बेटी को उसके सपनों की उड़ान को सच होते देखा.
दिल्ली में पायलट की ट्रेनिंग के दौरान उसकी मुलाक़ात आदित्य पंडित से हुई. आदित्य भी पायलट बनना चाहता था. दोनों ही एक सपने के साथी थे. सृष्टि और आदित्य की नजदीकियां बढ़ीं. दोनों के बीच शायद एक समझ बनी कि ज़िदगी का सफ़र साथ मिलकर निभ जाए. लेकिन सृष्टि के लिए यह सफ़र उतना आसान नहीं होने जा रहा था. सृष्टि ने जिस सपने से प्यार किया वह तो उसने अपनी मेहतन के दम पर हासिल कर लिया, लेकिन नसीब में जो ‘प्यार’ लिखा था, खोट उसमें निकल आया. आदित्य एक रूढ़िवादी परिवार से आता था. जल्द ही दोनों के बीच का रिश्ता मुश्किलों भरा साबित होने लगा.
सृष्टि के परिवार और दोस्तों ने बाद में बताया कि आदित्य बहुत ज़िद्दी और दुर्व्यवहार करने वाला था. वह सृष्टि के खाने-पीने तक में दखल देता था, लोगों के सामने उसे अपमानित करता था, और अपनों से दूर रखता था. इन सबके बावजूद, सृष्टि रिश्ते को निभाने की कोशिश करती रही. उसे लगातार यह उम्मीद थी कि शायद आदित्य बदल जाएगा, लेकिन आदित्य नहीं बदला. रोज़ की लाइफ़ में आदित्य की ज़िद और सृष्टि के प्रति उसके रवैये ने सृष्टि को जैसे तोड़ दिया. जो लड़की कभी बेधड़क अपने सपनों के पीछे भागती थी, अब वह उदासी से घिरी रहने लगी थी. उसके चेहरे की मुस्कराहट के पीछे हमेशा एक गम का साया छाने लगा था.
और फिर एक दिन, मुंबई में अपने फ्लैट में संदिग्ध हालात में सृष्टि की ज़िंदगी हमेशा के लिए खत्म हो गई. अपनी जिंदगी की फ्लाइट की वह जांबाज पायलट, जैसे अचानक किसी हादसे का शिकार हो गई हो, और बीच सफ़र में ही उसका जहाज, आसमान की बुलंदियों से सीधा एक अनंत समंदर में आ गिरा हो.
25 नवंबर को रात फ्लैट में मिला था शव: सृष्टि 25 नवंबर को रात 2 बजे अपने मुंबई स्थित फ्लैट में मृत पाई गई थी. आदित्य ने कहानी गढ़ी कि सृष्टि ने सुसाइड कर लिया, लेकिन हालात इसकी गवाही नहीं दे रहे थे. उसके परिवार ने आत्महत्या की कहानी पर संदेह जताया है. फ्लैट से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. परिवार ने मौत की संदिग्ध परिस्थितियों की गहन जांच की मांग की है. सृष्टि परिजन की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर आदित्य को गिरफ्तार किया गया है.
आदित्य चाहता था कि सृष्टि शाकाहारी हो जाए: सृष्टि के परिवार ने आदित्य के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों का कहना है कि आदित्य सृष्टि के साथ अक्सर दुर्व्यवहार करता था. उसने सृष्टि को हमेशा अपने इशारों पर चलाने की कोशिश की, खासकर वह सृष्टि के खान-पान को लेकर रोक टोक करता था. वह सृष्टि को मांसाहार छोड़ने के लिए कहता था. परिवार का कहना है कि आदित्य ने कई मौकों पर सृष्टि को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया. उन्होंने आदित्य की बताई गई आत्महत्या की कहानी पर संदेह जताया है.
सृष्टि तुली के परिवार लोगों ने उसकी हत्या का शक जाहिर किया है, इसकी जो वजहें उन्होंने बताई हैं, वे हैं:-
- कोई सुसाइड नोट नहीं मिलना: परिवार ने बताया कि घटनास्थल पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.
- डेटा केबल छोटा होना: सुसाइड के एंगल पर संदेह जताते हुए परिजनों ने पुलिस से कहा है कि कथित तौर पर सुसाइड के लिए इस्तेमाल की गई डेटा केबल इतनी छोटी थी कि उससे आत्महत्या संभव नहीं है.
- सीलिंग फैन एकदम सामान्य स्थिति में होना: सृष्टि के कमरे में सीलिंग फैन एकदम सामान्य हालत में पाया गया. अगर उससे फांसी लगाई जाती तो वह उस दशा में नहीं होता.
- एकदम सामान्य व्यवहार: स्थानीय मीडिया के अनुसार घटना की रात सृष्टि ने अपनी मां और रिश्तेदारों से हंसते हुए बात की थी और वह एकदम सामान्य मानसिक स्थिति में थी.
- आदित्य का सुबह-सुबह आना: परिजनों ने सृष्टि के फ्लैट पर आदित्य के सुबह 4:30 बजे मौजूद होने पर सवाल उठाया है.
- बैंक लेनदेन: परिवार का आरोप है कि आदित्य सृष्टि से पैसे लेता था. परिवार ने सृष्टि के बैंक स्टेटमेंट का हवाला दिया है. बैंक स्टेटमेंट के अनुसार आदित्य के खाते में 31 अक्टूबर को 15,000 रुपये और 5 नवंबर को 50,000 रुपये ट्रांसफर किए गए थे.
गोरखपुर में इंडियन आयल की पहली रसोई गैस एजेंसी तुली परिवार ने शुरू की: सृष्टि एक ऐसे परिवार से आती हैं, जिसकी पृष्ठभूमि देश सेवा और वीरता की है. उनके दादा, मेजर नरेंद्र कुमार तुली, भारतीय सेना में अधिकारी थे, जिन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान राष्ट्र के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था. उनके परदादा, हंसराज तुली, पंजाब पुलिस में सेवारत थे. मेजर नरेंद्र कुमार तुली की शहादत के बाद, सृष्टि की दादी, उर्मिल तुली, अपने बेटों, विवेक तुली और विशाल तुली (सृष्टि के पिता) के साथ गोरखपुर चली आईं. उर्मिल तुली ने गोरखपुर में गोल्डन गैस एजेंसी की स्थापना की. इंडियन आयल की गोरखपुर की यह पहली रसोई गैस एजेंसी थी. इसके अलावा, तुली परिवार ने लंबे समय तक टाटा कंपनी के लिए डिस्ट्रीब्यूटरशिप भी संभाली, जिससे व्यवसाय जगत में तुली परिवार की खास पहचान है.