राष्ट्रपति ने प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का किया लोकार्पण

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया, बच्चों से मिलीं और विकास की घोषणाएं कीं। सीएम योगी ने उनके दौरे को ऐतिहासिक बताया। जानें दूसरे दिन के मुख्य बिंदु।
गोरखपुर: अपने दो दिवसीय गोरखपुर प्रवास के दूसरे दिन, मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने क्षेत्र के विकास और शिक्षा को समर्पित कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उनका लोकार्पण किया, साथ ही आम जनता व बच्चों से सीधा संवाद स्थापित कर महिला सशक्तिकरण और शिक्षा पर विशेष जोर दिया।

मंगलवार को महामहिम ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय (MGUG) के नए अकादमिक भवन, ऑडिटोरियम और पंचकर्म सेंटर का लोकार्पण किया। इसके साथ ही, उन्होंने महिला छात्रावास की आधारशिला रखी और परिसर में रुद्राक्ष का पौधा भी रोपा, जो उनकी उपस्थिति की स्थायी स्मृति बन गया। कार्यक्रम में अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय की विकास यात्रा और बेटियों की शिक्षा को लेकर महत्वपूर्ण संदेश दिए। उन्होंने कहा कि बेटियों को आगे बढ़ने से रोकने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों में सुरक्षित आवास की कमी भी शामिल है, और अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे छात्रावास की सुविधा ने उन्हें उच्च शिक्षा की ओर बढ़ने में मदद की। उन्होंने गर्ल्स हॉस्टल की स्थापना को एक बड़ी पहल बताते हुए कहा कि यह कदम महिला सशक्तिकरण को नई दिशा देगा। राष्ट्रपति ने शिक्षा को आत्मनिर्भरता और सामाजिक बदलाव का सबसे प्रभावी माध्यम बताया और आशा व्यक्त की कि MGUG जैसे संस्थान नई पीढ़ी को न केवल पेशेवर रूप से, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक रूप से भी सशक्त बनाएंगे।
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा संचालित संस्थान “राष्ट्र प्रथम” की भावना से सेवा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि परिषद द्वारा 1932 में शुरू की गई शिक्षा यात्रा अब 52 संस्थानों तक पहुंच चुकी है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक उत्थान में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति के जीवन संघर्षों का उल्लेख करते हुए उन्हें राष्ट्रकवि दिनकर की कविता का जीता-जागता स्वरूप बताया और कहा कि राष्ट्रपति का यह दौरा न सिर्फ गोरखपुर बल्कि पूरे पूर्वांचल के लिए प्रेरणादायक है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आधुनिक शिक्षा, चिकित्सा और भारतीय मूल्यों का समन्वय करते हुए देश के लिए प्रेरणादायक उदाहरण पेश कर रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय के विकास को “सशक्त भारत की नींव” करार दिया और बताया कि MGUG ने न केवल मेडिकल और आयुर्वेदिक एजुकेशन में बल्कि अनुसंधान, ग्राम्य विकास और नवाचार में भी बड़ी पहल की है।
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आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक बार फिर गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेजबानी में प्रसाद ग्रहण किया। उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं। इस दौरान उन्होंने संत परंपरा की झलक महसूस की। इससे पहले सोमवार रात भी राष्ट्रपति मंदिर पहुंचीं थीं और दर्शन-पूजन के बाद मंदिर प्रसाद लिया था।
रास्ते में गाड़ी रोककर बच्चों से मुलाकात
राष्ट्रपति के काफिले के आयुष विश्वविद्यालय जाते समय, महामहिम ने रास्ते में अपनी गाड़ी रोककर बच्चों से मुलाकात की और उन्हें चॉकलेट वितरित की। इस मानवीय पहल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टिप्पणी की कि “पहली बार कोई राष्ट्रपति सड़क पर उतरकर बच्चों से मिला,” जो महामहिम के सहज और जनोन्मुखी स्वभाव को दर्शाता है।
कार्यक्रम के अंत में, राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय परिसर में रुद्राक्ष का पौधा रोप कर अपनी उपस्थिति की स्थायी स्मृति छोड़ी। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्मृति चिन्ह भेंट किया और राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की फार्मूलरी व ‘संकल्प से सिद्धि पॉलिसी’ की पहली प्रति राष्ट्रपति को भेंट की।
कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मंत्री सूर्यप्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, डॉ. संजय निषाद, कुलपति डॉ. सुरेंद्र सिंह, गैलेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश अग्रवाल समेत कई अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। सभी कार्यक्रमों के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद, शाम 5:30 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली के लिए प्रस्थान कर गईं।
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