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भुज में ‘नवनाथ एवं नाथ परंपरा’ पर राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर का शुभारंभ

भुज स्थित सोनिस आर्ट गैलरी में 'नवनाथ एवं नाथ परम्परा' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर का उद्घाटन करते अतिथि.

11 मार्च तक नाथ परम्परा पर आधारित 20 चित्रों का होगा रचनात्मक सृजन

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भुज में ‘नवनाथ एवं नाथ परंपरा’ पर राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर का शुभारंभ
भुज में ‘नवनाथ एवं नाथ परंपरा’ पर राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर का शुभारंभ

लखनऊ: भुज (गुजरात) स्थित सोनिस आर्ट गैलरी में ‘नवनाथ एवं नाथ परम्परा’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर का उद्घाटन आज कच्छ मोरबी के सांसद श्री विनोद एल. चावड़ा ने किया। चित्रांकन शिविर में 11 मार्च तक नाथ परम्परा पर आधारित लगभग 20 चित्रों का रचनात्मक सृजन किया जाएगा।

राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर (संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश) और कच्छ स्थित सोनिस आर्ट गैलरी के संयुक्त उपक्रम से राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसमें कच्छ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ऑफ प्रेक्टिक्स ललित कला विभाग नवीन सोनी के नेतृत्व में नवनाथ परम्परा के विभिन्न पहलुओं को कैनवास पर उकेरने व इस कला की गहराई और महत्त्व को उजागर किया जा रहा है।

राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर के उप निदेशक डॉ. यशवन्त सिंह राठौर ने बताया कि भुज की सोनिस आर्ट गैलरी में 11 मार्च तक नाथ परम्परा पर चित्रों का ऑयल माध्यम में सृजन किया जाएगा। राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर के माध्यम से कच्छ(गुजरात) और उत्तर प्रदेश की चित्र शैली का भी आदान-प्रदान होगा।

भुज स्थित सोनिस आर्ट गैलरी में 'नवनाथ एवं नाथ परम्परा' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय चित्रांकन का उद्घाटन.

उद्घाटन अवसर पर कुलपति क्रांति गुरु श्याम जी कृष्ण वर्मा, कच्छ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहन भाई पटेल, काउन्सलर व सीनेट मेम्बर कच्छ विश्वविद्यालय श्रीमती रेश्मा बेन जवेरी, स्मृतिवन मेमोरियल संग्रहालय के निदेशक मनोज पाण्डेय, संग्रहालयाध्यक्ष बुलबुल, कच्छ संग्रहालय, दिव्य भास्कर कच्छ संस्करण के चीफ एडीटर नवीन भाई जोशी, कच्छ बुलियन एशोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश भाई जवेरी, संस्कार भारती गुजरात प्रांत के महामंत्री पंकज जाला, यूथ उपनिषद के संस्थापक दीपक भाई, चित्रकार जिगर भाई, कल्पना नवीन, मयूरी एवं स्थानीय इतिहासकार नरेश अंतानी व संजय ठाकर की गरिमामय उपस्थिति रही।

इधर, उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह ने अपने संदेश में कहा कि इस आयोजन ने कच्छ एवं उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को एक नई दिशा दी है। ‘नवनाथ एवं नाथ परम्परा’ के चित्रण की जो पहल उत्तर प्रदेश और गुजरात सरकार ने की है, वह राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

उल्लेखनीय है कि 11 मार्च तक भुज में आयोजित होने के बाद, चित्रांकन शिविर का समापन पूर्णता के निमित्त गोरखपुर में 15 से 17 मार्च तक होगा। प्रदर्शनी में नवनाथ और नाथ परम्परा से जुड़े चित्रों का प्रदर्शन किया जाएगा।

प्रिया श्रीवास्तव

About Author

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में परास्नातक. गोगोरखपुर.कॉम के लिए हेल्थ, सिनेमा, टेक और फाइनेंस बीट पर रिसर्च करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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