150th anniversary of the India Meteorological Department: भारत का मौसम विभाग, जो हमें रोज़ाना मौसम के उतार-चढ़ाव से अवगत कराता है, अपनी स्थापना के 150 वर्ष पूरे कर रहा है. इसकी नींव आज से डेढ़ सौ साल पहले 1875 में, ब्रिटिश शासनकाल में रखी गई थी. इसकी स्थापना की ज़रूरत तब महसूस हुई जब देश में एक के बाद एक कई प्राकृतिक आपदाएं आने लगीं.
भारत में प्राकृतिक आपदाओं का इतिहास तो बहुत पुराना है, लेकिन सन 1864 में कोलकाता में आए भयंकर चक्रवात, और उसके बाद 1866 और 1871 में मानसून न आने से पैदा हुए सूखे ने ब्रिटिश सरकार के सामने चुनौती पेश की. मौसम के व्यवहार से जुड़ी इन घटनाओं के बाद 15 जनवरी 1875 को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की स्थापना हुई.
शुरुआत में IMD का मुख्यालय कोलकाता में था. बाद में इसे 1905 में शिमला, फिर 1928 में पुणे और अंततः 1944 में दिल्ली लाया गया. IMD की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, इसकी 150वीं वर्षगांठ इस साल 15 जनवरी को धूमधाम से मनाई जा रही है. IMD के देश भर में छह क्षेत्रीय कार्यालय हैं, जो चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, नागपुर, गुवाहाटी और नई दिल्ली में स्थित हैं.
15 जनवरी 1875 को जब इस विभाग की स्थापना हुई, तो हेनरी फ्रांसिस बैनफोर्ड को इसका पहला मौसम रिपोर्टर नियुक्त किया गया था. इसके बाद 1889 में सर जॉन इलियट को तत्कालीन राजधानी कोलकाता में वेधशालाओं का पहला महानिदेशक बनाया गया. देश की आज़ादी के बाद 27 अप्रैल 1949 को IMD ने विश्व मौसम विज्ञान संगठन की सदस्यता ग्रहण की.
यह जानना दिलचस्प है कि देश में मौसम के पूर्वानुमान के लिए जब कोई केंद्रीय एजेंसी नहीं थी, तो 1884 में कोलकाता और 1804 में मुंबई में स्थापित एशियाटिक सोसाइटी ने इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस सोसाइटी ने मौसम विज्ञान के अध्ययन को बढ़ावा दिया.
आज हम जिस ‘चक्रवात’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं, उसे हेनरी पिडिंगटन ने गढ़ा था. वे एशियाटिक सोसाइटी से जुड़े थे और उन्होंने मौसम अध्ययन से संबंधित लगभग 40 शोध पत्र प्रकाशित किए थे. ‘साइक्लोन’ का अर्थ होता है ‘सांप की कुंडली’. हेनरी पिडिंगटन ने यह शब्द 1842 में गढ़ा था.
भारतीय कृषि मानसून पर बहुत अधिक निर्भर है, इसीलिए IMD साल भर के मौसम का पूर्वानुमान लगाने के साथ-साथ मानसून की प्रगति पर भी पैनी नज़र रखता है.
अपनी 150वीं वर्षगांठ पर IMD कई कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. इस समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, म्यांमार, भूटान, नेपाल, श्रीलंका और मालदीप को भी आमंत्रण भेजा गया है, क्योंकि IMD की स्थापना के समय ये सभी देश भारत का हिस्सा थे.
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