अगर आप जन औषधि केंद्र खोलने पर विचार कर रहे हैं, तो सबसे पहले यह जानना ज़रूरी है कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित तीन श्रेणियों में से आप किसके अंतर्गत आते हैं. पहली श्रेणी में सामान्य व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर और पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर शामिल हैं. दूसरी श्रेणी में ट्रस्ट, गैर-सरकारी संगठन और निजी अस्पताल आदि आते हैं. तीसरी श्रेणी में राज्य सरकारों द्वारा नामित एजेंसियां शामिल हैं.
किसी भी व्यवसाय में सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि आखिरकार कमाई कितनी होगी. आपको बता दें कि जन औषधि केंद्र पर दवाएं बेचने पर आपको 20 प्रतिशत तक कमीशन मिलता है. इसके अलावा मासिक बिक्री पर सरकार द्वारा 15 प्रतिशत तक का अलग से इंसेंटिव भी दिया जाता है. पीएम की इस योजना के तहत आपकी दुकान में लगने वाले फर्नीचर और अन्य सामान के लिए सरकार 1.5 लाख रुपये तक देती है. इसके अलावा सरकार कंप्यूटर और प्रिंटर भी देती है.
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए जरूरी लाइसेंस
अगर आप जन औषधि केंद्र खोलना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको इसके लिए रिटेल सेल्स का लाइसेंस लेना होगा. इस लाइसेंस के लिए आप जन औषधि केंद्र के नाम से आवेदन कर सकते हैं.
जन औषधि केंद्र के लिए अप्लाई करने के आसान स्टेप्स
- https://onlineapp.pmbi.co.in/login.aspx पर लॉगइन करें.
- यहां अपना खाता बनाएं.
- खाता बनाने के बाद आपका डैशबोर्ड दिखेगा. यहां से आवेदन किया जा सकेगा.
- आवेदन के लिए प्रॉसेसिंग फीस पांच हजार रुपये है.
- आवेदन फीस जमा करने पर आपका आवेदन प्रॉसेस हो जाता है.