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गोरखपुर में इस दिन से होगी झमाझम बारिश, उमस से मिलेगी राहत

गोरखपुर में इस दिन से होगी झमाझम बारिश, उमस से मिलेगी राहत
गोरखपुर में तेज धूप और उमस से जल्द राहत मिलेगी। मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार से मौसम बदलेगा और रविवार से अच्छी बारिश शुरू हो सकती है। धान की खेती पर संकट।

गोरखपुर: लगातार तेज धूप और उमस से परेशान गोरखपुर के लोगों को जल्द ही राहत मिलने वाली है। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि शनिवार से मौसम का मिजाज बदलेगा और रविवार से अच्छी बारिश की शुरुआत हो सकती है। गुरुवार शाम को आसमान में छाए बादल इस बदलाव की शुरुआत माने जा रहे हैं। 18 जून को पूर्वांचल में मानसून की दस्तक के बाद अच्छी बारिश की उम्मीद थी, लेकिन कुछ ही दिनों में टर्फ लाइन खिसककर सोनभद्र की ओर पहुंच गई, जिससे गोरखपुर में बारिश लगभग थम गई। नतीजा यह हुआ कि बीते एक हफ्ते से तेज धूप और भारी उमस से आमजन और किसान दोनों परेशान हैं।

अनियमित बारिश ने तोड़ा पूर्वानुमान, फसल पर पड़ा असर: इस साल मौसम को लेकर किए गए अधिकतर अनुमान गलत साबित हुए हैं। मई-जून में तपन बढ़ने और जुलाई में औसत से अधिक बारिश की भविष्यवाणी की गई थी। इसके विपरीत, मई के आखिरी हफ्ते में सामान्य से 150 गुना ज्यादा बारिश हुई और तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। जून की शुरुआत में बारिश लगभग बंद हो गई और हीट वेव (लू) का अलर्ट जारी हुआ। फिर 12 और 13 जून को दो दिन अच्छी बारिश हुई, लेकिन इसके बाद फिर लंबा सूखा पड़ा। मौसम विज्ञानी डॉ. कैलाश पांडेय ने बताया कि शनिवार से पूर्वांचल में मौसम बदलाव की ओर बढ़ेगा और रविवार से अच्छी बारिश की संभावना है।

कुल बारिश 40 मिमी से भी कम, खेती पर संकट: 1 से 9 जुलाई के बीच गोरखपुर में कुल बारिश 40 मिलीमीटर से भी कम दर्ज हुई है। लगातार घटती वर्षा का असर सीधे धान की खेती पर पड़ रहा है। किसान पहले से ही मानसून पर निर्भर हैं, लेकिन अब ट्यूबवेल से खेत सींचने की मजबूरी में उनकी लागत बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि रोपाई का यही सही समय है, लेकिन बारिश न होने से ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है, फिर भी खेतों में पर्याप्त नमी नहीं बन पा रही है। जहाँ रोपाई हो चुकी है, वहाँ धूप से धान के पौधे मुरझा रहे हैं, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

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Amit Srivastava

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गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. Amit Srivastava अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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