गोरखपुर विश्वविद्यालय में वार्षिक खेल आयोजन का भव्य शुभारंभ
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Gorakhpur: गोरखपुर विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों के वार्षिक खेल आयोजन का भव्य शुभारंभ कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने किया. 22 टीमों ने मार्च पास्ट कर कुलपति को सलामी दी. 26वीं वाहिनी पीएसी के बैंड ने मार्च पास्ट की धुन बजाकर समारोह की शोभा बढ़ाई. लगभग 400 खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसमें गोरखपुर विश्वविद्यालय की टीम 45 खिलाड़ियों के साथ सबसे बड़ी और नवल्स डिग्री कॉलेज की टीम 5 खिलाड़ियों के साथ सबसे छोटी टीम रही.
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि खेलकूद हमें अपने और पराए के भेद को मिटाकर सहज और स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखाता है. यह खिलाड़ियों के साथ दर्शकों को भी सिखाता है कि मतभेदों के बाद भी सुंदरता का सृजन किया जा सकता है. खेलकूद सामंजस्य, समन्वय और समानता के मूल्यों को स्थापित करता है. यह विविधता में एकता के मूल्य को भी प्रतिष्ठित करता है और जीत के महत्व के बावजूद हार को स्वीकारना सिखाता है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि खिलाड़ी और दर्शक इन तीन दिनों में वार्षिक एथलेटिक मीट का भरपूर आनंद लेंगे.
क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर विमलेश कुमार मिश्रा ने कहा कि इस अवसर पर उन्हें खुशी के साथ यह चिंता भी है कि पूर्व अध्यक्षों के प्रयासों से क्रीड़ा परिषद जिस ऊंचाई पर पहुंचा है, उसे बनाए रखने और उसके गौरव को आगे बढ़ाने में हम कहां तक सफल होंगे. उन्होंने कहा कि यह वर्ष हम सभी के लिए विशेष महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारे विश्वविद्यालय की स्थापना का 75वां वर्ष है.
कुलपति महोदया के नेतृत्व में वार्षिक एथलेटिक मीट की स्मारिका का भी विमोचन हुआ, जिसका संपादन डॉ. मनीष कुमार पांडेय ने किया. उद्घाटन सत्र का संचालन भी डॉ. मनीष कुमार पांडे ने किया. इस वार्षिक एथलेटिक मीट के पर्यवेक्षक पूर्वोत्तर रेलवे के एथलेटिक प्रशिक्षक विनोद कुमार सिंह और मुख्य रेफरी मोहम्मद अख्तर हैं. उद्घोषणा एवं टेक्निकल टेबल की जिम्मेदारी डॉ. अभिनव सिंह, डॉ. विकास सोनकर, डॉ. अखिल मिश्र एवं पुनीत श्रीवास्तव ने निभाई.
इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी, प्रो. राजवंत राव, प्रो. रजनीकांत पाण्डेय, प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो. जितेंद्र मिश्र, प्रो. सुधीर श्रीवास्तव, प्रो. विजय कुमार श्रीवास्तव, प्रो. करुणाकर राम त्रिपाठी, प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा, प्रो. अनुभूति दुबे, प्रो. दिव्या रानी सिंह, प्रो. आलोक गोयल, प्रो. विजय चहल, प्रो. प्रत्यूष दुबे, राजवीर डॉ. राजवीर सिंह सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित थे.