गोरखपुर में प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय तैयार, खुलेगा रोजगार का नया द्वार

गोरखपुर में प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय तैयार, 52 एकड़ में ₹267.50 करोड़ की लागत से बना। रोजगार के अवसर और औषधीय खेती को बढ़ावा मिलेगा।
गोरखपुर: भटहट के पिपरी में निर्मित उत्तर प्रदेश का पहला महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय अब केवल आयुर्वेद सहित प्राचीन और पारंपरिक आयुष विधाओं की चिकित्सा एवं शिक्षा का केंद्र ही नहीं रहेगा, बल्कि इसके माध्यम से क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। यह विश्वविद्यालय औषधीय पौधों की खेती के जरिए किसानों के लिए आय का एक नया विकल्प भी प्रदान करेगा।
Read ….राष्ट्रपति गोरखपुर में: आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण, विकास परियोजनाओं का शिलान्यास आज
कुल 52 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैले इस अत्याधुनिक आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण पर ₹267.50 करोड़ रुपये की लागत आई है। यद्यपि इसका औपचारिक लोकार्पण मंगलवार को होने जा रहा है, यहाँ की आयुष ओपीडी का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 15 फरवरी 2023 को ही कर दिया गया था। लोकार्पण के पश्चात, विश्वविद्यालय में स्थित अस्पताल में इनपेशेंट डिपार्टमेंट (आईपीडी) और ऑपरेशन थिएटर (ओटी) सेवाएं भी प्रारंभ हो जाएंगी। इसके अतिरिक्त, 28 कॉटेज वाला पंचकर्म केंद्र भी बनकर तैयार है, जो पारंपरिक उपचार पद्धतियों को बढ़ावा देगा। इस विश्वविद्यालय की स्थापना से आसपास के किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
यह विश्वविद्यालय गोरखपुर का चौथा संचालित विश्वविद्यालय है। गोरखपुर में इससे पहले दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू), मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय (एमजीयू) सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त, शहर में पांचवें विश्वविद्यालय के रूप में फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी की स्थापना की घोषणा भी हो चुकी है, जो गोरखपुर को शिक्षा के एक प्रमुख केंद्र के रूप में और सुदृढ़ करेगी।
हमें फॉलो करें — वॉट्सऐप चैनल | फेसबुक | एक्स | इंस्टाग्राम | गूगल न्यूज़