Gorakhpur AIIMS: विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर, एम्स गोरखपुर ने गर्भवती महिलाओं में मधुमेह (जीडीएम) के प्रबंधन पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया. इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने गर्भावस्था के दौरान मधुमेह के शुरुआती पता लगाने और इसके प्रभावी प्रबंधन पर चर्चा की.
मधुमेह और गर्भावस्था: एक चुनौतीपूर्ण संयोजन: एम्स गोरखपुर के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि गर्भावस्था मधुमेह माँ और बच्चे दोनों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है. उन्होंने इस बीमारी के प्रबंधन के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया.
विभाग प्रमुख डॉ. शिखा सेठ ने बताया कि एम्स गोरखपुर में गर्भावस्था मधुमेह के मरीजों के लिए विशेष क्लिनिक चलाया जा रहा है. इस क्लिनिक में मरीजों को नियमित जांच, परामर्श और उपचार मिलता है.
मधुमेह प्रबंधन में आहार और जीवनशैली का महत्व: मेडिसिन विभाग के डॉ. अजय मिश्रा ने बताया कि गर्भावस्था मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने मरीजों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया.
जटिल मामलों में इंसुलिन थेरेपी: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. राज किशोर सिंह ने गर्भावस्था मधुमेह के गंभीर मामलों में इंसुलिन थेरेपी के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि इंसुलिन थेरेपी के माध्यम से मधुमेह को नियंत्रित करके मां और बच्चे दोनों को सुरक्षित रखा जा सकता है.
एम्स गोरखपुर की प्रतिबद्धता: इस कार्यक्रम में एम्स गोरखपुर के कई अन्य डॉक्टरों ने भी हिस्सा लिया और गर्भावस्था मधुमेह के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. इस कार्यक्रम के माध्यम से एम्स गोरखपुर ने गर्भावस्था मधुमेह के मरीजों को बेहतर देखभाल प्रदान करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है.
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