गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) तारामंडल क्षेत्र में ₹14.32 करोड़ की लागत से दो-लेन का पुल बनाएगा। यह पुल स्काईवॉक का अनुभव देगा और पर्यटन व आवागमन को सुगम बनाएगा। अगस्त से शुरू होगा निर्माण कार्य।
गोरखपुर: गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने शहर के तारामंडल क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण दो-लेन पुल के निर्माण की घोषणा की है। यह पुल न केवल आवागमन को सुगम बनाएगा, बल्कि जल निकाय के ऊपर 112 मीटर लंबा यह ब्रिज ‘स्काईवॉक’ का अनुभव भी कराएगा, जिससे यह पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण केंद्र बनेगा।
तारामंडल क्षेत्र को मिलेगी नई कनेक्टिविटी
यह पुल तारामंडल क्षेत्र को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है, जो एक जल निकाय के कारण दो हिस्सों में बंटा हुआ है। इस पुल के निर्माण से दोनों हिस्सों को जोड़ा जा सकेगा, जिससे स्थानीय निवासियों और आगंतुकों के लिए आवागमन में अत्यधिक सुविधा होगी। विशेष रूप से, यह पुल सर्किट हाउस के बगल वाली सड़क को वसुंधरा एन्क्लेव की ओर जाने वाली सड़क से जोड़ेगा, जिसका निर्माण वसुंधरा एन्क्लेव फेज एक और फेज तीन के बीच होगा।
पर्यटन और आवागमन को मिलेगा बढ़ावा
इस परियोजना का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह देविरिया बाईपास रोड तक एक नया और सीधा रास्ता प्रदान करेगा। इससे सर्किट हाउस, एनेक्सी भवन, नौका विहार, चंपा देवी पार्क, अंबेडकर पार्क, और शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों तक पहुंच और भी आसान हो जाएगी। जीडीए के प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह ने बताया कि यह पुल पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा और साथ ही देविरिया बाईपास तक पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में भी कार्य करेगा, जिससे शहर में यातायात का दबाव कम होगा।
परियोजना लागत और समय-सीमा
इस दो-लेन पुल के निर्माण की स्वीकृत लागत 15.57 करोड़ रुपये है, जबकि इसका निर्माण 14.32 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा। जीडीए ने इस परियोजना को 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। निर्माण कार्य के लिए मैसर्स मित्तल ब्रदर्स इंजीनियर्स एंड कॉन्ट्रैक्टर्स नामक फर्म का चयन किया गया है। फर्म के निदेशक अक्षय मित्तल को 18 महीने के भीतर निर्माण कार्य पूरा करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
अगस्त से शुरू होगा निर्माण कार्य
जीडीए अधिकारियों के अनुसार, पुल निर्माण से संबंधित अनुबंध की प्रक्रिया इसी महीने (जुलाई 2025) पूरी कर ली जाएगी, और अगस्त 2025 से निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। यह परियोजना गोरखपुर के बुनियादी ढांचे और पर्यटन विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।