बाल चिकित्सा पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट कार्यशाला का हुआ सफल आयोजन
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AIIMS Gorakhpur: नैदानिक कौशल को बढ़ाने और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए, बाल रोग विभाग, एम्स गोरखपुर ने कार्यकारी निदेशक डॉ सुरेखा किशोर के संरक्षण में एक व्यापक पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (पीएफटी) कार्यशाला का आयोजन किया. शनिवार को आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों में सांस संबंधी समस्याओं को समझने और उसकी जांच और समाधान पर चर्चा के लिए बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक, शोधकर्ता और छात्र सभी एक मंच पर आए.
कार्यशाला का नेतृत्व तीन प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संकाय द्वारा किया गया. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ से डॉ. सारिका गुप्ता; लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली से डॉ. कमल कुमार सिंघल और अपोलो अस्पताल, कोलकाता से डॉ. पल्लब चटर्जी ने पीएफटी व्याख्या, इम्पीडेंस ऑसिलोमेट्री जैसे अत्याधुनिक उपकरणों के साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण और परस्पर संवादात्मक सत्र प्रस्तुत किए.
एम्स गोरखपुर के डीन एकेडमिक्स डॉ. हरि शंकर जोशी ने कहा कि हम पीएफटी कार्यशाला की सफलता से रोमांचित हैं, क्योंकि यह चिकित्सा शिक्षा को आगे बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवा में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है. बाल रोग विभाग की प्रमुख डॉ. महिमा मित्तल ने कहा कि यह कार्यक्रम पेशेवरों और छात्रों के लिए समान रूप से सीखने के मूल्यवान अवसर प्रदान करने के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाता है.
कार्यशाला में एम्स गोरखपुर के बाल रोग, पल्मोनरी मेडिसिन, जनरल मेडिसिन विभाग के साथ-साथ बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधियों तथा शहर के प्रतिष्ठित बाल रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया. वर्कशॉप को उपस्थित लोगों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, जिन्होंने व्यावहारिक सामग्री और क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ नेटवर्क बनाने के अवसर के लिए आयोजकों की प्रशंसा की.