अगर आपने बखिरा बर्ड सेंक्चुरी नहीं देखी तो एक बार प्लान जरूर बना लीजिए. यह देश की सबसे बड़ी बर्ड सेंक्चुरी है, जो वेटलैंड में है. इस सेंक्चुरी की स्थापना 1980 में हुई थी. यह गोरखपुर शहर से सिर्फ 44 किमी दूरी पर खलीलाबाद में स्थित है. इसका दायरा 29 वर्ग किमी का है. बाखिरा झील उत्तर प्रदेश की एक बड़ी झील है, जहां हर साल प्रवासी जलपक्षी प्रजनन के लिए आते हैं. इस अभयारण्य का नाम झील से सटे बखिरा गांव के नाम पर रखा गया है. साइबेरियाई पक्षी सर्दियों के समय 5000 किमी की यात्रा करके इस वेटलैंड तक आते हैं. इस साल वर्ल्ड वेटलैंड डे (2 फरवरी 2022) पर इसे रामसर साइट के रूप में नामित किया गया है.
रामगढ़ झील की तर्ज पर बन सकता है बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन
बाखिरा बर्ड सेंक्चुरी को रामगढ़ झील पर डेवलप किया जा सकता है. यहां वह सारी चीजें मौजूद हैं जो इसे एक टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित होने में मदद करें. संत कबीरनगर के मेंहदावल के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार जगदीश लाल श्रीवास्तव कहते हैं कि बखिरा झील बनने को लेकर कई सारी जनश्रुतियां हैं. कहा जाता है कि सैकड़ों साल पहले यहां भूकंप आया था. बखिरा और आसपास का पूरा धरती में समा गया. इसके बाद यहां झील बन गई. बहरहाल, यहां की भौगोलिक परिस्थितियों और प्राकृतिक खूबसूरती का इस्तेमाल पर्यटन को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है. इस साइट के रामसर साइट के रूप में चिह्नित होने के बाद संभावनाएं और बढ़ गई हैं.
गोरखपुर से एक घंटे में पहुंचें बखिरा झील
अगर आप गोरखपुर से बखिरा आना चाहते हैं तो अपनी गाड़ी से यह सफ़र सिर्फ़ एक घंटे का है. अगर आप बस्ती से आ रहे हैं तो डेढ़ घंटे का वक्त लग सकता है. गोरखपुर से चलकर खलीलाबाद, और वहां से बाखिरा के लिए साधन मिल जाता है. यहां आसपास कई ढाबे हैं जहां आप परिवार के साथ लंच कर सकते हैं. यह इलाका समय के लिहाज से थोड़ा पिछड़ा जरूर है लेकिन कुदरती खूबसूरती का ही तकाज़ा है कि साइबेरियन पक्षी हजारों किलोमीटर का सफ़र तय करके यहां आना पसंद करते हैं.
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