GO GORAKHPUR: किसी भी क्षेत्र को समग्र विकास की प्रक्रिया से जोड़ने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे का होना अपरिहार्य है. बीते छह सालों से हुए और सतत हो रहे बुनियादी ढांचा विकास ने गोरखपुर की तस्वीर बदल दी है. गोरखपुर में हर तरफ बुनियादी सुविधाओं का जाल फैलता दिख रहा है. वर्तमान में भी करीब दस बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहे हैं. इन कार्यों के पूरा होने पर गोरखपुर शहर की फ़िज़ा बिलकुल बदल जाएगी. मुद्दतों बाद अपने शहर लौटे किसी परदेसी को यहां की गलियां पहचान में नहीं आएंगी.
एक दौर तक गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के भूखंड को कोई पूछने वाला नहीं होता था. गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) को अपनी योजनाओं को प्रमोट करने के लिए संपत्तियों के आवंटन में छूट देनी पड़ती थी. फिर भी खरीदारों की संख्या संपत्तियों की संख्या के आगे कम होती थी. आज स्थितियां उलट हैं. गीडा में निवेशकों का रुझान ऐसा कि लैंड बैंक बढ़ाने पर लगातार ध्यान देना पड़ रहा है. वहीं, जीडीए के प्रोजेक्ट्स के लिए लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं.
इस बदलाव का सबसे बड़ा कारण है बुनियादी ढांचे की मजबूत होती दशा. वास्तव में एक लंबे दौर तक गोरखपुर की पहचान बदहाली, टूटी सड़कों, लचर विद्युत आपूर्ति और अन्य अनेक समस्याओं से जुड़कर बनती थी. खराब रोड कनेक्टिविटी के कारण उद्योग और व्यापार पर बुरा असर पड़ता था.
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने सबसे अधिक ध्यान बुनियादी ढांचा विकास पर ही दिया. इसका नतीजा है कि गोरखपुर शहर के बाहरी हिस्से की सभी सड़कें और शहर के अंदर भी प्रमुख मार्ग फोरलेन हो चुके हैं. सड़कों के साथ चौराहों का भी चौड़ीकरण हुआ है. इससे आवागमन में सुगमता तो बढ़ी ही, अन्य क्षेत्रों के लोगों का भी गोरखपुर के प्रति रुझान बढ़ा.
वर्तमान में गोरखपुर से लखनऊ, वाराणसी, बिहार और नेपाल तक जाने के लिए फोरलेन की कनेक्टिविटी है. इससे आवासीय आवश्यकताओं की मांग में इजाफा होने के साथ औद्योगिक निवेश की बयार लगातार बह रही है.
बुनियादी ढांचे की इन दस प्रमुख परियोजनाओं पर जारी है कार्य:
- नया गोरखपुर परियोजना- शहर के उत्तरी पूर्वी इलाके में (17 हजार करोड़ रुपये)
- जंगल कौड़िया- सोनौली फोरलेन मार्ग (लागत 2700 करोड़ रुपये)
- फोरलेन ग्रीनफिल्ड गोरखपुर बाईपास (लागत 2100 करोड़ रुपये)
- टीपीनगर से पैडलेगंज तक सिक्सलेन फ्लाईओवर (लागत 429.49 करोड़ रुपये)
- भटहट से बासस्थान मार्ग के फोरलेन में चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण (लागत 689 35 करोड़ रुपये)
- देवरिया बाईपास) का फोरलेन में चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण (लागत 399.24 करोड़ रुपये)
- रामगढ़ताल नौकायन से देवरिया बाईपास तक फोरलेन में चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण (लागत 67.35 करोड़ रुपये)
- गोड़धोइया नाला एवं रामगढ़ताल जीर्णोद्धार परियोजना (लागत 474.42 करोड़ रुपये)
- गोरखपुर सीवरेज योजना सी पार्ट टू (लागत 561.34 करोड़ रुपये)
- जेल बाईपास फोरलेन के खजांची चौराहे पर फ्लाईओवर (लागत 96.50 करोड़ रुपये)
इन परियोजनाओं के पूरा होने से गोरखपुर की तस्वीर और भी बेहतर हो जाएगी. शहर एक प्रमुख औद्योगिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में उभरेगा.
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