बैंक रोड पर मनी एक्सचेंज की दुकानें. (Pic:GoGorakhpur) |
Go Gorakhpur: गोरखपुर में बाजार से दो हजार के नोट गायब हैं. इसकी वजह से नकद लेनदेन करने वाले कारोबारियों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं त्योहार और लगन के सीजन में आम लोग भी इस समस्या से दो-चार हो रहे हैं. दो हजार के नोट अब न तो एटीएम से निकलते हैं और न ही बैंक में मिल रहे हैं. मोटी नकदी की गतिशीलता सिर्फ और सिर्फ पांच सौ के नोटों के भरोसे है.
यूपीआई से लेनदेन का चलन बढने के बाद भी शहर में हर रोज करोड़ों का कार्य-व्यापार नकद में ही होता है. हर व्यक्ति, हर कारोबारी अभी यूपीआई की तकनीकी दक्षता से लैस नहीं हो सका है. नकदी देखकर ही उसे लेनदेन का भरोसा हो पाता है. थोक और फुटकर के तमाम ऐसे व्यवसाय हैं जो अब भी नकद पर ही आश्रित हैं. नकद पैसों के रखरखाव में बड़े नोटों की भूमिका होती है. नोटबंदी के बाद बाजार में आए दो हजार के नोटों ने इस समस्या को काफी हद तक हल किया. लेकिन जल्द ही गुलाबी नोट बाजार से गायब हो गए. शादी-विवाह में नकद लेनदेन की परंपरा है. इसके लिए दो हजार के नोटों की खूब डिमांड रहती है. लेकिन अब बैंकों ने भी दो हजार के नोट देना बंद कर दिया है. लगन से जुड़े कार्यों और नकद लेनदेन करने वाले व्यापारियों को पांच सौ के नोट से ही काम चलाना पड़ रहा है.
‘मार्केट में दो साल से नहीं हैं दो हजार के नोट’
गोरखपुर में बैंक रोड पर मनी एक्सचेंज की एक लाइन से कई दुकानें हैं. यहां कटे-फटे नोट बदलने से लेकर एक सीरीज वाले नये नोट आसानी से मिल जाते हैं. लेकिन इन दिनों यहां भी दो हजार के नोटों का टोटा है. यहां दुकानदारों ने बताया कि हर रोज दो हजार के नोट खोजते हुए लोग आते हैं, लेकिन उन्हें पांच सौ नोटों से ही संतोष करना पड़ता है. मनी एक्सचेंज सेंटर ‘अरोरा एंड संस’ के मालिक संजय अरोरा कहते हैं कि दो साल से अधिक हो गए, दो हजार के नोट अब नहीं दिखते हैं. यूं तो इसकी वजह से कोई खास दिक्कत नहीं है, लेकिन फॉरेनर्स और कारोबारी, बड़े नोट चाहते हैं. दो हजार वाले नोट बैंक से नहीं मिल रहे हैं. इसलिए एक्सचेंज में देना भी संभव नहीं होता.
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नोट गायब होने पर अटकलें भी अलग-अलग
दो हजार के नोट बाजार में न होने पर अलग-अलग अटकलें भी लगाई जा रही हैं. मनी एक्सचेंज में शामिल छोटे दुकानदार इसकी व्याख्या अपने ढंग से कर रहे हैं. कटे-फटे नोट बदलने वाले मनोज मानते हैं कि दो हजार के नोट जल्द ही बंद हो जाएंगे. इनकी जगह चिप लगे प्लास्टिक के नोट बाजार में आ जाएंगे. आखिर ऐसा क्यों होगा? इस सवाल के जवाब में मनोज कहते हैं कि इससे नोटों का दुरुपयोग रुकेगा.
दस के नोटों की गड्डी है सबसे महंगी
नोटों के बाजार में दस नोटों की गड्डी सबसे महंगी है. अगर किसी को एक हजार रुपये के बदले दस रुपये के नोटों की गड्डी चाहिए तो उसे एक हजार तीन सौ रुपये देने होंगे. लगन के सीजन में दस के नोटों की भी खास डिमांड होती है. दस के नोट दक्षिणा देने से लेकर नोटों की माला बनाने तक में इस्तेमाल होते रहे हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था में दस के नोटों की बड़ी अहमियत रही है.