Go Gorakhpur: गोरखपुर में रामलीला के आयोजन हर साल कई जगहों पर किया जाता है लेकिन बर्डघाट की रामलीला इस बार खास होगी. बर्डघाट की रामलीला इस साल 160वें वर्ष में प्रवेश कर रही है. उत्तर प्रदेश में रामलीला आयोजन के सबसे पुराने आयोजन स्थलों में से बर्डघाट एक है. इस साल यहां रामलीला का आयोजन इसलिए भी खास होगा क्योंकि रामलीला मैदान को 5 करोड़ रुपए की लागत से निखारा गया है. रामलीला मैदान के सुंदरीकरण का काम यूं तो कोरोना काल से पहले कराया गया था, लेकिन महामारी के चलते गत दो वर्ष यहां आयोजन कुछ खास नहीं हो सका. इस बार रामलीला आयोजन समिति ने पूरी तरह से कमर कस ली है. इस बार 25 कलाकारों की टीम पूरे 16 दिन यहां मंचन करेगी.
रामलीला समिति, बर्डघाट द्वारा 160वें वर्ष रामलीला का मंचन इस बार 22 सितम्बर से होगा. सभी आयोजन बर्डघाट के प्राचीन रामलीला मैदान में रोजाना रात आठ बजे से होंगे. अयोध्या के करीब 25 कलाकार 16 दिन तक रामलीला का मंचन करेंगे. कोरोना महामारी के कारण दो वर्षों तक इसका आयोजन बहुत सीमित था, इस बार भव्य आयोजन की तैयारी है.
बर्डघाट रामलीला समिति के अध्यक्ष पंकज गोयल व महामंत्री अनूप अग्निहोत्री ने मीडिया को बताया कि 22 सितंबर को भूमिपूजन के साथ रामलीला मंचन का शुभारंभ होगा. रावण वध का मंचन 5 अक्तूबर को होगा. पूर्णिमा तिथि 9 अक्तूबर की रात्रि लगेगी. इसे देखते हुए भरत मिलाप 9 को तथा श्रीराम का राज्याभिषेक 10 को होगा.
गौरतलब है की पर्यटन विभाग द्वारा करीब 5 करोड़ की लागत से रामलीला मैदान का सुंदरीकरण कराए जाने के बाद यह पहला आयोजन है. आयोजन समिति ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली है. मंचन करने वाली अयोध्या की प्रसिद्ध मारुति नंदन हनुमत रामलीला मंचन कमेटी विदेशों में भी अनेक बार प्रदर्शन कर चुकी है. इसमें ज्यादातर बाल कलाकार होंगे.
यूट्यूब और फेसबुक पर होगा लाइव प्रसारण : मैदान में तीन हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी. वीआईपी के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी. इसके बाद से दूर बैठकर भी लोग इसका अच्छे से आनंद ले सकें. ऐसे में इसके लिए मैदान में एलईडी लाइट भी लगाई जाएगी. इसमें यूट्यूब और फेसबुक पर भी इसका लाइव प्रसारण भी किया जाएगा.
- 22 सितम्बर को शिव सती संवाद, नारद मोह, रावण जन्म.
- 23 को पृथ्वी पुकार, रामजन्म, मुनि आगमन, ताड़का वध.
- 24 को अहिल्या उद्धार, धनुष यज्ञ, परशुराम-लक्ष्मण संवाद.
- 25 को श्रीराम बरात.
- 26 को श्रीराम वन यात्रा.
- 27 को निषाद मिलन, श्रीराम-केवट संवाद, रामजी का चित्रकूट आगमन.
- 28 को श्री भरत-माता कौशल्या संवाद, भरत जी का चित्रकूट प्रस्थान.
- 29 को श्रीराम-भरत मिलन एवं संवाद, चरण पादुका लेकर अयोध्या वापसी.
- 30 सितम्बर को शूपर्णखा नासिका भेदन, खरदूषण वध, सीता हरण, श्रीराम का सबरी आश्रम में प्रवेश.
- 1 अक्तूबर को श्रीराम हनुमान मिलन, सुग्रीव मिलन, बालि वध, सीताजी की खोज में वानरों का प्रस्थान.
- 2 को हनुमानजामवंत संवाद, लंका में प्रवेश.
- 3 को श्रीराम-हनुमान संवाद, रामेश्वर स्थापना, अंगद-रावण संवाद.
- 4 को लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध, श्रीराम की प्रलय लीला, कुम्भकर्ण एवं मेघनाद वध.
- 5-8 को हनुमान जी द्वारा उद्धार, अहिरावण वध, रामरावण युद्ध एवं रावण वध, राजनीतिक उपदेश.
- 9 अक्तूबर को भरत मिलाप.
- 10 अक्तूबर को श्रीराम का राज्याभिषेक