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Gorakhpur News: बिहार से चुराई मूर्ति पांच करोड़ रुपये में गोरखपुर में किसे बेचने आया था तस्कर

पकड़े गए तस्कर के पास से जो मूर्ति मिली है उसका वजन 6 किलो आठ सौ ग्राम है. यह एंटीक मूर्ति है, लेकिन वह इसे अष्टधातु की बताकर सौदा कर रहा था. इस मूर्ति पर नक्काशी है. मूर्ति को देखकर उसके अष्टधातु से बने होने का भ्रम हो सकता है. पकड़े गए व्यक्ति का नाम दीपक कुमार सोनी है. वह गोपालगंज का ही रहने वाला है. वह यहां किसे मूर्ति बेचने आया था इसका पता नहीं लग पाया है. पुलिस जांच कर रही है.



GO GORAKHPUR: यूपी-बिहार में देवी-देवताओं की मूर्तियों की भरमार है. कीमती धातुओं से बनी ये मूर्तियां जहां आस्था का केंद्र हैं वहीं इनके ‘विदेशी कद्रदानों’ की भी एक लंबी फेहरिस्त है. यहीं से शुरू होता है आस्था के केंद्र इन मूर्तियों पर बदनीयती के फूल चढ़ाने वालों का काला कारोबार. हर हफ्ते या महीने ऐसी कोई खबर अखबारों की सुर्खियां बनती है कि मंदिर से प्राचीन मूर्तियां चोरी. देखते ही देखते कहां गायब हो जाती हैं ये मूर्तियां. एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ पूर्वांचल के जिलों से सैकड़ों मूर्तियां गुम हो चुकी हैं जिनका कोई अता-पता नहीं चल सका. उत्तर प्रदेश-बिहार के मूर्ति सौदागरों की कड़ी पश्चिमोत्तर प्रांतों से लेकर बंगाल, आंध्र प्रदेश तक जुड़ती है. इस बात की तस्दीक समय-समय पर पकड़े जाने वाले तस्करों ने की है.

गोरखपुर शहर में बुधवार को बिहार के गोपालगंज का रहने वाला मूर्ति तस्कर दबोचा गया. वह गोपालगंज के एक मंदिर से चुराई गई एंटीक मूर्ति को यहां किसी व्यक्ति को सौंपने आया था. यह सौदा पांच करोड़ रुपये में तय था. इस डील की सूचना स्थानीय पुलिस को पहले ही मिल गई थी. पुलिस ने जाल बिछाया तो एक तस्कर पकड़ा गया जबकि दूसरा फरार हो गया. पकड़े गए तस्कर के पास से जो मूर्ति मिली है उसका वजन 6 किलो आठ सौ ग्राम है. यह एंटीक मूर्ति है, लेकिन वह इसे अष्टधातु की बताकर सौदा कर रहा था. इस मूर्ति पर नक्काशी है. मूर्ति को देखकर उसके अष्टधातु से बने होने का भ्रम हो सकता है. पकड़े गए व्यक्ति का नाम दीपक कुमार सोनी है. वह गोपालगंज का ही रहने वाला है. वह यहां किसे मूर्ति बेचने आया था इसका पता नहीं लग पाया है. पुलिस जांच कर रही है.
मंदिर से मूर्तियों के चोरी होने की चंद घटनाएं-
देवरिया के महुआडीह थाना क्षेत्र के डुमरी एखलाश गांव स्थित मंदिर से पिछले साल 25 नवंबर की रात में श्रीराम, सीता और लक्ष्मण की अष्टधातु की कीमती मूर्तियां चोरी हो गईं थीं. जनवरी में गांव का एक किशोर मंदिर के पास के तालाब में से बाल्टी से पानी निकाल रहा था. इसी दौरान उसकी बाल्टी मूर्ति से टकराई. उसने मूर्ति देखकर शोर मचाया. श्रीराम की मूर्ति तो मिल गई, लेकिन महीनों बाद भी दो और मूर्तियों का पता नहीं लग सका है.
संतकबीरनगर जिले के श्री राधा पीठ गिरधरपुर देवरहा बाबा मंदिर से जुलाई 2021 में मंदिर के सिंहासन का छत दण्‍ड, चवर, दो पादुका की चौकी, श्री नारायण, हनुमान जी की बडी मूर्ति, राम दरबार व अन्‍य पूजा सामाग्री चोरी हुई थी. चोरी की इस घटना के करीब साल भर बाद पुलिस ने चार मूर्ति तस्करों को गिरफ्तार किया था. उनसे कुछ सामान तो बरामद हुए, बाकी उन्होंने बेच दिया था.
29 सितंबर 2018 को गोला क्षेत्र मे रामामऊ गांव के पास सरयू नदी के तट पर स्थित रामजानकी मंदिर से राम, सीता और लक्ष्मण सहित 11 बेशकीमती मूर्तियां चोरी हुई थीं. मंदिर के मुख्य दरवाजे की कुंडी तोड़कर चोरों ने इस घटना को अंजाम दिया था. मंदिर के गर्भगृह में रखी राम, सीता और लक्ष्मण की बड़ी मूर्तियों के साथ ही गोपाल जी की तीन तथा पांच अन्य छोटी मूर्तियां गायब मिलीं थीं. इसी मंदिर में 2016 में भी चोरी हुई थी.
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