1957 General Election: देश की स्वतंत्र के 10 साल बीत थे कि दूसरा आम चुनाव हुआ. पहले आम चुनाव गोरखपुर-बस्ती मंडल में जहां कांग्रेस का दबदबा रहा, वहीं 1957 में हुए दूसरे आम चुनाव में भी पूर्वाचल में कांग्रेस की आंधी चली थी. वहीं उस वक्त कांग्रेस की आंधी में प्रो. सिब्बन लाल सक्सेना नहीं डिगे. वह महराजगंज सीट से दोबारा स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते थे.
57 के चुनाव में सदर लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी सिंहासन सिंह और बांसगांव सीट पर कांग्रेस के ही प्रत्याशी महादेव को दोबारा जनता का आशीर्वाद मिला था. जनता ने विपक्षी दलों के प्रत्याशियों को कांग्रेस के इन दो प्रत्याशियों के मुकाबले नापसंद कर दिया. 1957 के आम चुनाव में कांग्रेस ने सदर और बांसगांव सीट ही नहीं, बल्कि कुशीनगर, बस्ती, डुमरियागंज, खलीलाबाद और सलेमपुर की सीट भी अपने नाम की थी.
57 के आम चुनाव में कुशीनगर से कांग्रेस प्रत्याशी काशीनाथ पांडेय, सलेमपुर से विश्वनाथ राव, बस्ती सीट से केशवदेव मालवीय, डुमरियागंज सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रामशंकर लाल और खलीलाबाद से भी कांग्रेस के ही कपिलदेव राय चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे.
महराजगंज संसदीय सीट से तीन बार सांसद चुने गए प्रो. शिब्बन लाल अंतिम बार 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर सांसद चुने गए थे. देश की स्वतंत्रता के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दी और अपनी खुद की पार्टी बनाकर लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए. उन्हें महराजगंज का पहला सांसद होने का गौरव प्राप्त है.