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उत्तराखंड के एक गांव के आठ युवक कैसे बन गए गोरखपुर पुलिस का सिरदर्द, यहां पढ़िए

Go Gorakhpur: उत्तराखंड के एक गांव के आठ युवक पिछले कई महीने से गोरखपुर में किराये का मकान लेकर रहते थे और लूटपाट, ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे. लगातार हो रही टप्पेबाजी, लूट की घटनाओं से बाज आकर पुलिस ने जब जाल बिछाया तो सभी दबोचे गए. गोरखपुर पुलिस ने इन पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की है. इस गिरोह ने उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार और मध्य प्रदेश में भी घटनाएं की हैं. शनिवार को एसपी सिटी ने प्रेसवार्ता में इन बदमाशों की पूरी कुंडली खोली.
पकड़े गए आरोपित 


Go Gorakhpur: 
उत्तराखंड के एक गांव के आठ युवक पिछले कई महीने से गोरखपुर में किराये का मकान लेकर रहते थे और लूटपाट, ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे. लगातार हो रही टप्पेबाजी, लूट की घटनाओं से बाज आकर पुलिस ने जब जाल बिछाया तो सभी दबोचे गए. गोरखपुर पुलिस ने इन पर एनडीपीएस एक्ट के साथ ही अन्य धाराओं में कार्रवाई की है. इस गिरोह ने उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार और मध्य प्रदेश में भी घटनाएं की हैं. शनिवार को एसपी सिटी ने प्रेसवार्ता में इन बदमाशों की पूरी कुंडली खोली.

14 सदस्यीय टीम ने जाल बिछाया
एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि पुलिस कर्मी व एसटीएफ के सिपाही के नाम पर लूट की घटनाओं को अंजाम दिया गया. जालसाजी व टप्पेबाजी की भी शिकायतें दर्ज कराई गईं. पुलिस छानबीन कर रही थी कि अंतरराज्यीय गिरोह के छह बदमाशों के आने की सूचना मिल गई. इंस्पेक्टर कैंट शशिभूषण राय और जटेपुर चौकी इंचार्ज धीरेंद्र राय सहित 14 सदस्यीय टीम ने जाल बिछा दिया. फिर एक-एक करके गिरफ्तारी की गई. पूछताछ में आरोपितों ने लूट की घटना में शामिल होना स्वीकार किया है. आरोपितों के खिलाफ कानपुर, उत्तराखंड व राजस्थान के जयपुर में भी केस दर्ज हैं. महराजगंज, संतकबीरनगर और देवरिया में लूट की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं.

ऐसे करते थे वारदात 
एसपी सिटी के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपित एक ही गांव के रहने वाले हैं. उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र व बिहार में घूम कर वारदात को अंजाम देते थे. किराए पर आवास लेकर एक जगह रुकते थे, फिर टोली बनाकर चार व पांच की संख्या में मोटर साइकिल से जाते थे. बैंकों के इर्द-गिर्द व भीड़भाड़ वाले इलाके में घूमते थे. बुजुर्ग महिलाओं को ज्यादा निशाना बनाते थे. झांसा देकर पैसा, गहना या सामान लेकर भाग जाते थे. भगवान का नाम लेकर उलझाते थे. आरोपी देश के अलग-अलग शहरों में घूम-घूमकर लूट की घटनाओं को अंजाम देते थे. एक जगह वारदात करते थे, फिर दूसरे शहर चले जाते थे. पकड़े गए गिरोह के सदस्यों ने ही धर्मशाला के पास रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर से लूट की थी. आरोपितों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच पुलिस कर रही है.

वाहन जांचने के नाम पर रोकते थे
एसपी सिटी के मुताबिक, गिरोह के गुर्गे साजिश रचकर घटनाओं को अंजाम देते थे. धर्मशाला पुलिस चौकी के पास सेवानिवृत्त महिला दारोगा से लूट की घटना को भी आरोपितों ने ही अंजाम दिया था. एसपी सिटी ने बताया कि आरोपितों ने सेवानिवृत्त दरोगा से लूट की बात स्वीकार की है. पुलिस व एसटीएफ के फर्जी सिपाही बनकर व्यापारियों से लूट का मामला भी सामने आया है. आरोपी वाहनों की जांच के नाम पर लूटपाट करते थे. लूट, जालसाजी सहित अन्य मामलों के नामजद आरोपितों के पास से कैश और नशे का पाउडर बरामद किया गया है. गिरफ्तार आरोपितों के पास से लूट के 9,500 रुपये, सोने की एक चेन, हाथ का कंगन, दो अंगूठी व कान के झुमके बरामद किए गए. आधार कार्ड, पर्स भी मिला है. 

गांव कोपा ठंडानाला गुलरभोज के रहने वाले हैं सभी 
गिरफ्तार आरोपितों की पहचान उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के गदरपुर थाना के गांव कोपा ठंडानाला गुलरभोज के रजाकत अली, सैफ अली, रफी, सैदू हुसैन, बरकत, वजीर मोहम्मद, जावेद और नूर मोहम्मद के रूप में हुई है. रफी, सैदू हुसैन, बरकत अली, वजीर मोहम्मद व जावेद के पास से 266 ग्राम नशीला पाउडर बरामद किया गया. कैंट पुलिस ने शनिवार को उत्तराखंड के आठों आरोपियों को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया. 

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