GO GORAKHPUR: अक्सर हमें कोई अनजान व्यक्ति बार-बार कॉल करके परेशान करता है, लेकिन हम उसकी पहचान नहीं कर पाते. इसी तरह हमारे कॉल लॉग में मार्केटिंग कॉल की लिस्ट भी लंबी रहती है. हम उनकी पहचान नहीं कर पाते इसलिए कॉल रिसीव कर लेते हैं. इस बेकार की सिरदर्दी से अब ट्राई निजात दिलाने की तैयारी कर रहा है. ट्राई की योजना है कि कॉल करने वाला का नाम भी स्क्रीन पर दिखे. यह कोई फेक नाम नहीं होगा सकेगा, बल्कि वही नाम होगा जिस पर सिम खरीदा गया है. ट्राई ने अभी इस पर सुझाव मांगें हैं. सुझाव दिसंबर अंत तक दिए जा सकते हैं. संभव है कि जनवरी में इसे लेकर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार को बयान में कहा कि दूरसंचार नेटवर्क में काल करने वाले का नाम दर्शन की व्यवस्था (सीएनएपी) लागू करने के वारे में एक परामर्श पत्र जारी किया गया है. इस पर संबद्ध पक्षों से 27 दिसम्बर तक विचार आमंत्रित किए गए हैं. उन सुझावों पर 10 जनवरी, 2023 तक जवाब दिए जा सकेंगे. अभी तक कालर और भारत कालर आईडी एंड एंटी स्पैम जैसे मोबाइल ऐप की मदद से मोबाइल फोन उपभोक्ता काल करने वाले व्यक्ति की पहचान जान सकते है. लेकिन इन ऐप पर नजर आने वाले नाम पूरी तरह भरोसेमंद स्रोत पर आधारित नहीं होते हैं.
ट्राई के मुताबिक, दूरसंचार विभाग का मानना है कि सीएनएपी सुविधा शुरू होने से कोई भी मोबाइल फोन उपभोक्ता काल आने पर कालर की पहचान जान सकेगा. इस सुविधा को स्मार्टफोन के साथ फीचर फोन पर भी मुहैया कराने के लिए दूरसंचार नेटवर्क की तैयारी एवं व्यवहार्यता को भी परखा जाएगा. सूत्रों ने बताया कि नई व्यवस्था लागू करने के लिए प्रयास काफी तेजी से किए जा रहे हैं इसलिए उम्मीद की जा रही है कि अगले वित्त वर्ष तक यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी. नई व्यवस्था लागू होने के बाद लोगों को ऐसी काल से मुक्ति मिल जाएगी.