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यूपी के पहले वानिकी विश्वविद्यालय में पढ़ाए जाएंगे ये कोर्स, तैयार हो रहा ड्राफ्ट

गोरखपुर सिटी

प्रदेश के पहले वन विश्वविद्यालय के लिए जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू

Gorakhpur: गोरखपुर के कैंपियरगंज में स्थापित हो रहे प्रदेश के पहले वानिकी विश्वविद्यालय के लिए शासन की ओर से चार सदस्यीय कमेटी विश्वविद्यालय में चलने वाले पाठ्यक्रम तैयार कर रही है. विश्वविद्यालय में वन्यजीव, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन आदि पर चलने वाले पाठ्यक्रमों का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है. शुरुआत में यहां सात विभाग होंगे. शासन स्तर पर फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी एक्ट का मसौदा तैयार किया जा रहा है.

चार सदस्यीय कमेटी में शामिल डीएफओ विकास यादव के अनुसार फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी के लिए शासन से स्वीकृति के बाद जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. यूनिवर्सिटी में चलने वाले कोर्स डिज़ाइन किए जा रहे हैं. इसकी शुरुआत सात विभागों के साथ होगी, जिनमें सिल्वीकल्चर एंड एग्रोफॉरेस्ट्री विभाग, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन एवं संरक्षण विभाग, वन उपज एवं उनके उपयोग विभाग, प्राथमिक सामाजिक विज्ञान विभाग, परिस्थितिकी, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, वन्यजीव विज्ञान एवं संरक्षण विभाग, बुनियादी और सामाजिक विज्ञान शामिल हैं.

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प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल छह सितंबर को कैंपियरगंज के भारीवैसी में बने जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर यहां फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी बनाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद वन विभाग ने जमीन की तलाश शुरू की थी. अब भारीवैसी में बने जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र के पास प्रदेश के पहले वन विश्वविद्यालय (फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी) के लिए 125 एकड़ जमीन के हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वन विभाग को इस जमीन के बदले खजनी में जमीन दिए जाने का प्रस्ताव है.

Priya Srivastava

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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में परास्नातक. gogorakhpur.com के लिए हेल्थ, सिनेमा, टेक और फाइनेंस बीट पर रिसर्च करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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