अलग अलग क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पांच विभूतियों को ‘गोरखपुर रत्न’
Gorakhpur: गोरखपुर सिर्फ धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से ही समृद्ध नहीं है, बल्कि ऐतिहासिक और साहित्यिक विरासत से भी भरपूर है. यह महायोगी गोरखनाथ की पावन साधना स्थली होने के साथ-साथ गीताप्रेस के माध्यम से भारत के धार्मिक साहित्य का एक प्रमुख केंद्र भी है. गोरखपुर के पास ही कुशीनगर स्थित है, जो भगवान बुद्ध की महानिर्वाण स्थली है, और मगहर है, जो सूफी संत कबीरदास की निर्वाण स्थली है. कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने भी गोरखपुर को अपनी कर्मस्थली बनाया था. ये बातें सीएम योगी ने रविवार को गोरखपुर महोत्सव के समापन कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए कहीं.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर महोत्सव की सराहना करते हुए कहा कि यह महोत्सव गोरखपुर की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करता है. मुख्यमंत्री ने लोगों को यह भी याद दिलाया कि गोरखपुर प्रसिद्ध उर्दू शायर फ़िराक गोरखपुरी की जन्मभूमि है और योगानंद परमहंस, जिन्होंने वैश्विक मंच पर भारत की आध्यात्मिक विरासत को स्थापित किया, का जन्म भी इसी गोरखपुर में हुआ था. 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों की चूलें हिला देने वाले शहीद बंधु सिंह की जन्म और कर्म भूमि भी गोरखपुर ही है. इसी गोरखपुर की जेल में काकोरी ट्रेन एक्शन के नायक, अमर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को फांसी की सजा दी गई थी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के विकास पर जोर देते हुए कहा कि यह शहर आज विकास के नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार विकास करा रही है और इस विकास यात्रा में सहभागी बनना हम सबका दायित्व है. उन्होंने कहा कि टेराकोटा और शहद जैसे स्थानीय उत्पादों को देखने के लिए लोगों को महोत्सव में जरूर आना चाहिए. मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि नेशनल बुक फेयर का आयोजन पहली बार इतने बड़े स्तर पर किया गया है और युवाओं को किताबें खरीदने और उन्हें अपने दोस्तों को उपहार में देने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि गोरखपुर महोत्सव जैसे आयोजन स्थानीय कलाकारों, किसानों, उद्यमियों और समाज के लिए योगदान देने वालों को प्रोत्साहित करने और उन्हें एक मंच प्रदान करने के लिए आयोजित किए जाते हैं.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली पांच विभूतियों को ‘गोरखपुर रत्न’ से सम्मानित किया. कला के क्षेत्र में वरिष्ठ रंगकर्मी केसी सेन, कृषि-उद्यमिता के क्षेत्र में प्रगतिशील किसान और शहद उत्पादक राजू सिंह, खेल के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी शगुन कुमारी, चिकित्सा के क्षेत्र में वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. बी. बी. त्रिपाठी और विज्ञान के क्षेत्र में डॉ. साहिल महफूज को यह सम्मान प्रदान किया गया. मुख्यमंत्री ने इन विभूतियों के अपने-अपने क्षेत्र में दिए गए योगदान की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य में भी इसी तरह समाज की सेवा करते रहने के लिए प्रेरित किया.
गोरखपुर महोत्सव के औपचारिक समापन समारोह को सांसद रविकिशन शुक्ल ने भी संबोधित किया. गोरखपुर महोत्सव समिति के अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने अपने स्वागत संबोधन में आयोजन की सविस्तार जानकारी दी. इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम, जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक फतेह बहादुर सिंह, श्रीराम चौहान, विपिन सिंह, डॉ. विमलेश पासवान, महेंद्रपाल सिंह, प्रदीप शुक्ल, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय, जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता आदि शामिल थे.
समारोह में इंदौर से आए सुपरिचित गायक सुधीर व्यास ने सुमधुर भजन प्रस्तुत किए. भजनों का आनंद लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य मंच से उतरकर सामने लगी कुर्सियों पर आ गए. इससे समारोह में एक आध्यात्मिक माहौल का निर्माण हुआ.
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