गोरखपुर लिटरेरी फेस्ट 7वें संस्करण “शब्द संवाद” का काउंटडाउन शुरू
Gorakhpur: गोरखपुर शहर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और साहित्यिक परंपरा के लिए जाना जाता है. शहर 21 और 22 दिसंबर 2024 को एक विशेष आयोजन, “शब्द संवाद” का गवाह बनेगा. दो दिवसीय साहित्यिक उत्सव होटल विवेक के उत्सव लॉन, बैंक रोड पर आयोजित किया जाएगा. “शब्द संवाद” का उद्देश्य साहित्य, कला, और संस्कृति के विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध लेखकों, कवियों, कलाकारों, और विचारकों को एक मंच पर लाना है. यह आयोजन साहित्यिक चर्चाओं, कविता पाठ, पैनल चर्चाओं, कार्यशालाओं, और सांस्कृतिक प्रदर्शनों के माध्यम से विचारों के आदान-प्रदान, संवाद, और रचनात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देगा.
“शब्द संवाद” गोरखपुर के साहित्यिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को समृद्ध करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है. यह उत्सव साहित्य प्रेमियों, कलाकारों, बुद्धिजीवियों, और आम जनता के लिए एक शानदार अवसर है कि वे एक जीवंत और प्रेरणादायक वातावरण में साहित्य, कला, और संस्कृति के जादू का अनुभव करें. आयोजकों ने “शब्द संवाद” में शामिल होकर शब्दों की शक्ति, विचारों की स्वतंत्रता, और रचनात्मक अभिव्यक्ति के उत्सव का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है. गौरतलब है कि यहां प्रवेश पूरी तरह से नि:शुल्क है.
पिछले छह आयोजनों की तरह ही इस बार भी आयोजन में साहित्य, कला, संस्कृति, और पत्रकारिता के दिग्गज आयोजन के प्रमुख आकर्षण हैं. राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त लेखकों और कवियों के साथ बातचीत, समकालीन साहित्य, सामाजिक मुद्दों, और सांस्कृतिक प्रवृत्तियों पर विचारोत्तेजक चर्चाओं के लिए यह आयोजन इस बार भी यादगार बनने जा रहा है. आइए, जानते हैं कि इस बार गोरखपुर लिटरेरी फेस्ट के ‘शब्द संवाद’ में कौन हैं अतिथि—
पंडित हरीश तिवारी, भारत के समकालीन शीर्षस्थ शास्त्रीय गायकों में से एक, 22 दिसंबर को शाम 7 बजे ‘शब्द संवाद’ सत्र के अतिथि होंगे. उन्होंने कई प्रतिष्ठित गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की है और देश भर में प्रदर्शन किया है. पंडित जी भजन, ठुमरी और शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गीत प्रस्तुत करेंगे.
लोकप्रिय पत्रकार राजीव रंजन मीडिया सत्र के अतिथि होंगे. वे अपनी बेबाक, जमीन से जुड़ी पत्रकारिता और आम बोलचाल की भाषा के लिए जाने जाते हैं.
सौरव शर्मा एक वरिष्ठ पत्रकार और एंकर हैं, जो 2004 से इंडिया टीवी से जुड़े हुए हैं. उन्होंने 26/11 हमलों और कश्मीर बाढ़ जैसी घटनाओं को कवर किया है. वह वर्तमान में इंडिया टीवी के ‘कुरुक्षेत्र’ और ‘हकीकत क्या है’ की एंकरिंग करते हैं. एक इंजीनियर और थिएटर कलाकार भी हैं.
राशिद किदवई, एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, लेखक और राजनीतिक विश्लेषक, जो राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर अपने व्यावहारिक दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध हैं, आगामी मीडिया डिस्कोर्स सत्र के लिए अतिथि होंगे. किदवई, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में एक विजिटिंग फेलो, भारत सरकार, राजनीतिक दलों, सांप्रदायिक मामलों और हिंदी सिनेमा पर गहन ध्यान केंद्रित करते हैं.
वरिष्ठ समाचार एंकर और पत्रकार संदीप चौधरी वर्तमान में एबीपी न्यूज़ में कार्यरत हैं. वह अपनी निष्पक्ष पत्रकारिता और बेबाक सवालों के लिए जाने जाते हैं. वह मीडिया सत्र के अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे.
शांभवी चौधरी, समस्तीपुर से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद और 18वीं लोकसभा की सबसे कम उम्र की सांसदों में से एक हैं. वे महिला शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय हैं.
पद्मश्री प्रो० विश्वनाथ प्रसाद तिवारी एक प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार, पूर्व साहित्य अकादमी अध्यक्ष और ‘दस्तावेज’ पत्रिका के संस्थापक-संपादक हैं. उन्हें व्यास सम्मान और ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी सम्मान जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. वे उद्घाटन सत्र के साहित्यिक अतिथि होंगे.
देवेंद्र आर्य वरिष्ठ कवि और गज़लकार हैं, जिन्हें भारत सरकार और उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. वे अपनी रचनाओं की भावप्रणता और आलोचनात्मक गद्य लेखन के लिए जाने जाते हैं. उन्हें स्वतंत्रता सेनानी मा. सुंदर लाल स्मृति सम्मान से भी नवाज़ा गया है.
प्रसिद्ध कहानीकार और नाटककार असग़र वजाहत कई साहित्यिक विधाओं में योगदान के लिए जाने जाते हैं. उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं. वे ‘शब्द संवाद’ के सातवें संस्करण में अतिथि होंगे.
शिवमूर्ति हिंदी के प्रसिद्ध कथाकार एवं उपन्यासकार हैं. उनकी कहानियां और उपन्यास लोकप्रिय हैं और कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं. वह गोरखपुर लिटरेरी फ़ेस्ट ‘शब्द संवाद’ के सप्तम सोपान में साहित्य विमर्श सत्र के वक्ता अतिथि के तौर पर उपस्थित रहेंगे.
डॉ० सूर्यबाला हिन्दी की सुप्रसिद्ध लेखिका हैं, जिनकी रचनाएं कई भाषाओं में अनूदित हुई हैं और पाठ्यक्रमों में शामिल हैं.
अर्पण कुमार एक बहुमुखी साहित्यकार हैं, जिनकी कृतियों में कविता संग्रह और उपन्यास शामिल हैं.
प्रभात रंजन, हिंदी के वरिष्ठ उपन्यासकार, कथाकार, अनुवादक और दिल्ली के ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज में हिंदी के प्रोफेसर हैं. उन्होंने कई साहित्यिक पुरस्कार मिले हैं.
विनीता अस्थाना, मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध हस्ती और आकर्षक हास्य व गहन अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण कहानीकार हैं. उनकी कहानियां जीवन के विभिन्न रंगों को दर्शाती हैं.
मनीषा कुलश्रेष्ठ कथाकार और कवयित्री हैं. उनकी प्रमुख कृतियां कहानी संग्रह (कठपुतलियाँ, कुछ भी तो रूमानी नहीं, बौनी होती परछाई, केयर ऑफ़ स्वात घाटी, गंधर्वगाथा), उपन्यास (शिगाफ, शालभंजिका, पंचकन्या, स्वप्नपाश, मल्लिका), और अनुवाद (वाय केज्ड बर्ड सिंग, हाउस मेड ऑफ डॉन) शामिल हैं.
आदित्य राजन समूह द्वारा हिंदी और भोजपुरी कविताओं का संगीतमय गायन: गोरखपुर लिटरेरी फेस्टिवल ‘शब्द संवाद’ के सातवें संस्करण में, 21 दिसंबर को आदित्य राजन और उनका समूह हिंदी और भोजपुरी की चुनिंदा साहित्यिक कृतियों को संगीतमय प्रस्तुति के रूप में प्रस्तुत करेंगे.
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