टेंडर जारी होने के साथ ही विभाग की टीम ने जमीन अधिग्रहण के लिए निशान लगाने का काम भी शुरू किया
Asuran-pipraich highway: इस साल के अंत तक गोरखपुर शहर के एक और हाईवे पर वाहन फर्राटा भरने लगेंगे. असुरन-पिपराइच हाईवे के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग ने टेंडर जारी कर दिया है. टेंडर जारी होने के साथ ही विभाग की टीम ने जमीन अधिग्रहण के लिए निशान लगाने का काम भी शुरू कर दिया है. इस कार्य के लिए निविदा स्वीकार करने की अंतिम तिथि 22 फरवरी निर्धारित की गई है.
असुरन से पिपराइच तक बनने वाली सड़क 28.5 मीटर चौड़ी होगी. सड़क को चार लेन बनाने के लिए 1046 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें से 585 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण के लिए और बाकी पुल-पुलिया, सड़क निर्माण और पेड़-पौधों को हटाने के लिए खर्च किए जाएंगे. चौड़ीकरण के लिए असुरन से लेकर पिपराइच तक बाजारों में चिन्हांकन भी किया जा चुका है.
वर्तमान में असुरन चौराहे से लेकर पादरी बाजार, जंगल धूसड़, पतरा और पिपराइच तक हर समय जाम की स्थिति रहती है. सबसे ज्यादा जाम पादरी बाजार और जंगल घूसड़ पर लगता है. दोनों जगह बाजार होने के कारण वाहनों का लोड चार गुना हो गया है. फोरलेन बनने से इन तीन चौराहों पर लगने वाला जाम काफी हद तक कम हो जाएगा.
असुरन से पिपराइच: सड़क मार्ग और प्रमुख चौराहे
असुरन से पिपराइच की दूरी 19.48 किलोमीटर है. इस मार्ग पर चार प्रमुख चौराहे हैं जो जंक्शन की तरह काम करते हैं. वाहनों के लोड को देखते हुए वर्तमान में सड़क की चौड़ाई काफी कम है.
1. पादरी बाजार चौराहा: असुरन से लगभग 5 किलोमीटर आगे बढ़ने पर यह पहला चौराहा है. यहां से मोहद्दीपुर और मेडिकल कॉलेज जाने के लिए रास्ता जाता है.
2. जंगल धूसड़: यह चौराहा पादरी बाजार चौराहे से लगभग 2 किलोमीटर आगे है. यहां से गुलरिहा और एयरफोर्स की तरफ जाने का रास्ता जाता है.
3. पतरा बाजार: यह चौराहा जंगल धूसड़ चौराहे से आगे है.
4. पिपराइच चौराहा: यह अंतिम चौराहा है, जो पिपराइच शहर में प्रवेश का द्वार है.
शहर के उत्तरी इलाके की लाइफलाइन बनने वाले इस हाईवे के निर्माण से व्यापार, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. हालांकि, हाईवे निर्माण को हरी झंडी मिलने के बाद से ही असुरन से लेकर पादरी बजार तक दुकान स्वामियों की नींद उड़ी हुई है. हाईवे पर दोनों किनारों पर जमीन अधिग्रहण का काम जल्द शुरू होने जा रहा है. ऐसे में खुदरा कारोबारियों, छोटे दुकानदारों ने नगर नगर अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें पुनर्वासित करने की मांग रखी है. दुकानदारों का कहना है कि उन्हें भी वैसी ही राहत मिलनी चाहिए जैसी मेडिकल कॉलेज रोड और गोरखनाथ रोड के चौड़ीकरण में वहां के दुकानदारों को मिली थी.