Gorakhpur: दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी विभाग के शिक्षक डॉ. साहिल महफूज़ को विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए ‘गोरखपुर रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया. डॉ. महफूज़ ने वाइल्डलाइफ जीनोमिक्स, प्लांट-माइक्रोब इंटरेक्शन, वायरोलॉजी और आणविक मार्कर विकास जैसे विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं.
उनका अनुभव अनुसंधान, संरक्षण, कृषि और मानव स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करता है और वैश्विक स्तर पर इसका प्रभाव है. उनके शोध अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जर्नल्स में प्रकाशित हुए हैं, जो वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय में उनकी मजबूत स्थिति को दर्शाते हैं. डॉ. महफूज़ ने गोरखपुर विश्वविद्यालय में शामिल होने से पहले, लखनऊ के दो प्रतिष्ठित संस्थानों, केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (CDRI) और राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (NBRI) में पोस्टडॉक्टरल शोध पूरा किया. इन अनुभवों ने उनके ज्ञान को समृद्ध किया और उनके शानदार शैक्षणिक करियर की नींव रखी.
डॉ. महफूज़ की प्रमुख उपलब्धियां:
- वाइल्डलाइफ जीनोमिक्स में प्रगति: डॉ. महफूज़ ने लुप्तप्राय प्रजातियों की आनुवंशिक विविधता पर अभूतपूर्व अध्ययन किए हैं. उनके अनुसंधान ने मगरमच्छ और बाघ की जनसंख्या संरचना और आनुवंशिक विविधता पर महत्वपूर्ण डेटा प्रदान किया है, जो इन प्रजातियों की सुरक्षा के लिए संरक्षण रणनीतियों में सहायक है.
- ट्राइकोडर्मा पर अग्रणी शोध: जैव नियंत्रण एजेंट के रूप में प्रसिद्ध ट्राइकोडर्मा उनके अध्ययन का मुख्य बिंदु रहा है. उनके हालिया शोध ने इसके CO2 तनाव को कम करने की क्षमता को उजागर किया है, जबकि पहले के काम प्रजाति-विशिष्ट मार्कर विकास पर केंद्रित थे.
- पौध रोगजनकों के निदान में नवाचार: डॉ. महफूज़ ने Fusarium, Pythium और Septoria जैसे पौध रोगजनकों के लिए निदान विधियां विकसित की हैं. इन तकनीकों ने कृषि स्थिरता सुनिश्चित करते हुए पौध रोगों के प्रबंधन में सुधार किया है.
- वायरल विकास पर अंतर्दृष्टि: उनके हालिया विश्लेषण ने मंकीपॉक्स वायरस के आनुवंशिक विकास का अध्ययन किया है, जो वायरल उत्परिवर्तन को समझने और नई ज़ूनोटिक चुनौतियों के लिए तैयार रहने में सहायक है.
- फसल सुधार के लिए आनुवंशिक अध्ययन: अनानास की किस्मों पर उनके शोध ने प्रमुख तनाव प्रतिक्रिया मार्गों की पहचान की है, जिससे टिकाऊ कृषि के लिए तनाव-प्रतिरोधी फसल किस्मों के विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है.
33 से अधिक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध के साथ, डॉ. महफूज़ के कार्य ने विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में अपनी उपयोगिता और महत्व को उजागर किया है. उनके योगदान मौलिक विज्ञान को व्यावहारिक अनुप्रयोगों से जोड़ते हैं, जो उनकी बहु-विषयक विशेषज्ञता को प्रदर्शित करते हैं. डॉ. साहिल महफूज़ का समर्पण और कार्य संरक्षण, कृषि और स्वास्थ्य में वैज्ञानिक प्रगति को प्रेरित करते रहेंगे.
#डॉ_साहिल_महफूज़ #गोरखपुर_रत्न #गोरखपुर_विश्वविद्यालय #विज्ञान #शोध