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Gorakhpur: तकिया घाट पर पाइथो रिमेडियेशन पद्धति द्वारा प्राकृतिक तौर पर जल शोधन की प्रक्रिया को समझने के लिए डीडीयूजीयू के छात्रों और शिक्षकों के दल ने बृहस्पतिवार को भ्रमण किया. इस विधि में किसी भी प्रकार की मैकेनिकल पावर का इस्तेमाल नहीं होता है.
बृहस्पतिवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. सत्यपाल सिंह, डॉ. प्रकाश सिंह, बलिंदर सिंह, विनीत सिंह और नगर निगम गोरखपुर से अधिशासी अभियंता श्री अशोक कुमार भाटी, सहायक अभियंता नर्वदेश्वर पांडे, अवर अभियंता रंजीत कुमार व सिविल इंजीनियर एक्सपर्ट सुलेख यादव ने भी तकिया घाट का दौरा किया.
दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग के लगभग 50 छात्र-छात्राओं ने विशेषज्ञों से जल शोधन की इस इको-फ्रेंडली तकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त की. विशेषज्ञों ने बताया कि नगर निगम गोरखपुर द्वारा प्राकृतिक तरीके से जल शोधन का कार्य किया जा रहा है.