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डीडीयू: शोधार्थियों को मिला तेरह हजार से अधिक रिसर्च मैग्जीन का फ्री एक्सेस

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डीडीयू: शोधार्थियों को मिला तेरह हजार से अधिक रिसर्च मैग्जीन का फ्री एक्सेस
डीडीयू: शोधार्थियों को मिला तेरह हजार से अधिक रिसर्च मैग्जीन का फ्री एक्सेस

Gorakhpur: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए खुशखबरी है. अब वे 13,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं को मुफ्त में पढ़ सकेंगे. यह संभव हुआ है भारत सरकार की “वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन” (ONOS) योजना के तहत.

वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना के ज़रिए देशभर के शिक्षण संस्थानों को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों की शोध पत्रिकाओं तक डिजिटल पहुंच दी जा रही है. इससे छात्रों और शोधकर्ताओं को अपने अध्ययन और शोध कार्य में मदद मिलेगी.

यह योजना प्रधानमंत्री के “जय अनुसंधान” विजन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश में शोध और नवाचार को बढ़ावा देना है. वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना 1 जनवरी 2025 से लागू हो गई है और 2027 तक चलेगी.

इस योजना के तहत, शोध पत्रिकाओं तक पहुंच सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) के माध्यम से उपलब्ध होगी. इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी.

वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना से लगभग 1.8 करोड़ छात्र, शिक्षक और शोधकर्ता लाभान्वित होंगे. यह योजना विशेष रूप से टियर-2 और टियर-3 शहरों के शोधकर्ताओं के लिए फायदेमंद होगी.

गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना का स्वागत किया है. उनका कहना है कि इससे विश्वविद्यालय में शोध की गुणवत्ता में सुधार होगा.

वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना एक क्रांतिकारी पहल है, जो भारत की उच्च शिक्षा और अनुसंधान को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत बनाएगी. हम भारत सरकार की इस दूरदर्शी पहल का हृदय से स्वागत करते हैं और अपने विश्वविद्यालय में इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं. – प्रो. पूनम टंडन, कुलपति

प्रिया श्रीवास्तव

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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में परास्नातक. गोगोरखपुर.कॉम के लिए हेल्थ, सिनेमा, टेक और फाइनेंस बीट पर रिसर्च करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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