6 जनवरी की परीक्षा 8 जनवरी को होगी, 8 जनवरी की परीक्षा अब 27 जनवरी को होगी
गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और सम्बद्ध महाविद्यालयों में 6 जनवरी को स्नातक पंचम सेमेस्टर के राजनीति शास्त्र की परीक्षा पूर्वाहन 11.30 से दोपहर 01 बजे तक निर्धारित थी. इसमें प्रथम प्रश्नपत्र तुलनात्मक शासन एवं राजनीति (कोड पीओएल 301) की परीक्षा होनी थी. सभी पेपर के बंडल पर पेपर कोड और प्रश्नपत्र का नाम सही था. परीक्षा के लिए जब सभी केंद्रों पर पेपर खोला गया तो उसमें कवर पर भी पेपर का नाम और कोड सही था. पेपर बंटने के बाद जब परीक्षार्थियों ने प्रश्नपत्र को पलटना शुरू किया तब जाकर पता चलाकि प्रश्नपत्र में सभी सवाल द्वितीय प्रश्नपत्र लोक प्रशासन (पेपर कोड पीओएल 302) के थे. इसकी परीक्षा 8 जनवरी को होनी थी.
छात्र-छात्राओं ने दूसरा पेपर मिलने की शिकायत की. इस दौरान तत्काल कोई निर्णय डीडीयू प्रशासन द्वारा नहीं लिए जाने पर कई केंद्रों पर छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया. कई छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें आज ही द्वितीय प्रश्नपत्र की परीक्षा दिए जाने का दबाव बनाया जाने लगा लेकिन छात्रों ने तैयारी न होने का हवाला देते हुए यह प्रश्नपत्र हल किए जाने से इनकार कर दिया. इधर डीडीयू प्रशासन के पास भी कालेजों के जिम्मेदारों का लगातार फोन पहुंचने लगा. इसके बाद परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लिया गया.
डीडीयू ने जांच समिति का किया गठन: विश्वविद्यालय ने इसे मानवीय चूक बताया है. लेकिन चूक किस स्तर पर हुई है, यह पता नहीं चल सका है. डीडीयू प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच बैठा दी है. कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है.
कोड 302 को 301 पढ़ा जाए: परीक्षा में चूक के बाद जांच में यह आया है कि प्रथम और द्वितीय प्रश्नपत्र का कवर पेज बदल गया है. प्रथम प्रश्नपत्र के कवर पर द्वितीय का कोड दर्ज है. इसे देखते हुए डीडीयू प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर कहा है कि पीओएल 301 की बजाय 302 अंकित हो गया है. इसे पीओएल 301 मानते हुए परीक्षा कराई जाए. परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट पर भी कोड पीओएल 301 अंकित कराया जाए. राजनीति शास्त्र द्वितीय प्रश्नपत्र पीओएल 302 की परीक्षा अब 27 जनवरी को दोपहर 2 से 3.30 बजे तक होगी.
जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई किया जाए: उधर गुआक्टा के पदाधिकारियों के इस मामले में तल्ख तेवर देखने को मिले. गुआक्टा के अध्यक्ष प्रो. केडी तिवारी और महामंत्री प्रो. धीरेन्द्र सिंह ने एक विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया है कि कई परीक्षा केंद्रों पर स्नातक राजनीति शास्त्र पेपर कोड 301 की जगह छात्रों को पेपर कोड 302 की परीक्षा जबरिया कराई गई. छात्रों पर परीक्षा देने का दबाव भी बनाया जा रहा था. अपनी त्रुटियों को छुपाने की कोशिश विश्वविद्यालय प्रशासन करता रहा. बाद में परीक्षा स्थगित होने के कारण हजारों बच्चों को नुकसान तो उठाना ही पड़ा, विश्वविद्यालय प्रशासन को भी लाखों रुपये की क्षति हुई है. उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.