Gorakhpur: शुक्रवार को हुई नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में जीआइएस सर्वे के बाद वर्ष 2021-22 और 2022-23 के स्थगित संपत्तिकर को लेकर राहत देने वाला फैसला लिया गया. बैठक में तय हुआ कि जिन भवन स्वामियों ने इन वर्षों का संपत्तिकर जमा कर दिया है उनको समायोजन की सुविधा दी जाएगी. जिन्होंने अभी बिल नहीं जमा किया है, उनसे वर्ष 2023- 24 और 2024-25 का ही बिल जमा कराया जाएगा. नगर निगम के कर्मचारियों को संपत्तिकर के बिल से छूट देने के प्रस्ताव पर तय हुआ कि इसे शासन को भेजकर मार्गदर्शन लिया जाएगा.
नगर निगम बोर्ड की बैठक में तय हुआ था कि जीआइएस सर्वे के बाद वर्ष 2021-22 व 2022-23 का संपत्ति कर नागरिकों से नहीं लिया जाएगा. लेकिन नगर निगम की ओर से करीब 18 हजार ऐसे लोगों को नोटिस भेजा गया था जिसमें स्थगित हुए दोनों वर्षों का बिल भी जोड़ दिया गया है. कई लोगों ने बिल जमा भी कर दिया है. निगम प्रशासन का तर्क था कि बोर्ड बैठक में इन दोनों वर्षों के संपत्तिकर को स्थगित करने का फैसला किये जाने से पहले ही ये बिल जारी कर दिए गए थे. शुक्रवार को कार्यकारिणी बैठक में दिग्विजयनगर के पार्षद एवं पूर्व उपसभापति ऋषि मोहन त्रिपाठी समेत कुछ और सदस्यों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई. जिसके बाद तय हुआ कि संपत्तिकर के बिल में एकरूपता लाने के लिए वर्ष 2021-22 और 2022-23 का संपत्तिकर बिल किसी से भी न लिया जाए.
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