रामगढ़ताल थाना वारदात

मजदूर पिता ने पढ़ाई के लिए खरीदा लैपटॉप, बेटा करने लगा जालसाजी

मजदूर पिता ने पढ़ाई के लिए खरीदा लैपटॉप, बेटा करने लगा जालसाजी

कैसे हुई थी लेक क्वीन की वेबसाइट हैक, पूरी कहानी आई सामने

मजदूर पिता ने पढ़ाई के लिए खरीदा लैपटॉप, बेटा करने लगा जालसाजी

Gorakhpur: लेक क्वीन क्रूज की वेबसाइट और पेमेंट गेटवे को हैक करने वाले दो जालसाजों को गोरखपुर एसटीएफ टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. वे 31 दिसंबर को अपने दो दोस्तों के साथ नये साल का जश्न मनाने क्रूज पर पहुंचे थे. आरोपियों की पहचान उरुवा बाजार के गोहलिया निवासी राजन साहनी (24) और पीपीगंज कबीरनगर बगहीभारी के शिवम निषाद (19) के रूप में हुई. पूछताछ में पता चला कि नीट की तैयारी करने वाले शिवम निषाद ने ब्रूप स्वीट कम्यूनिटी एडिशन एप की मदद से वेबसाइट हैक कर टिकट बुक कराया था. पकड़े गए दोनों आरोपियों के परिवार वाले मजदूरी करते हैं. 

शुक्रवार को राजन और शिवम के परिजनों को क्रूज की वेबसाइट हैक करके के मामले में उनकी गिरफ्तारी का पता चला, तो दोनों की मां रामगढ़ ताल थाने पहुंच गईं. बेटों के जेल जाने की नौबत देखकर वे फूट-फूट कर रोने लगीं. शिवम की मां ने बताया कि उनके पिता बाहर पेंट पॉलिश का काम करते हैं. उन्होंने पढ़ाई के लिए लैपटॉप खरीदा था. परिवार वालों को वे यही बताते थे कि ऑनलाइन परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. उन्हें क्या पता था कि वे फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. एक युवक के पास आईफोन मिलने से पुलिस हैरान है. अंदेशा है कि दोनों ने पहले और भी वारदात की हैं. अभी इसकी जांच की जा रही है.

नये साल की पार्टी के लिए बुक किया था टिकट: रामगढ़ताल में 31 दिसंबर को चार युवकों ने लेक क्वीन क्रूज की वेबसाइट हैक करके फर्जी टिकट बुक किए और रात में शानदार पार्टी का आनंद लिया. यह खुलासा तब हुआ जब क्रूज प्रबंधन ने टिकटों का स्टॉक मिलान किया और चार टिकट अवैध पाए गए. चारों युवकों ने हैकिंग के जरिए न केवल क्रूज के सिस्टम को धोखा दिया, बल्कि प्रबंधन को 12,000 रुपये का चूना भी लगा दिया. मैनेजर की सतर्कता से मामला पकड़ में आया, जिसके बाद क्रूज संचालक राजकुमार राय ने रामगढ़ताल थाने में मुकदमा संख्या 4/2025 धारा 318 (4) 338,336 (3) 30(2) 3 (5) व 43/66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया. शिकायत में राजन नाम के एक युवक और उसके तीन अज्ञात साथियों को आरोपी बनाया गया था. 

सर्विलांस से मिली हैकर की जानकारी: रामगढ़ताल इंस्पेक्टर चितवन सिंह अपनी टीम के साथ इस मामले का खुलासा करने में लगे थे, तभी पूरे मामले की जांच एसटीएफ के पास चली गयी. एसटीएफ प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह, दीवान विनय कुमार सिंह, अखिलेश कुमार श्रीवास्तव एसएसआई रामगढ़ताल अनित कुमार राय और चौकी प्रभारी अनिस कुमार शर्मा ने वेबसाइट हैक करने वालों की सर्विलांस के जरिये जानकारी जुटाई तो पता चला कि सरगना शिवम निषाद ने अपने लैपटाप के जरिये पूरे खेल को अंजाम दिया है. शिवम का सहयोगी राजन साहनी था और उसके बुलावे पर दो अन्य साथी नए साल पर क्रूज में मौज-मस्ती करने पहुंचे थे. 

लैपटॉप में हैकिंग ऐप डाउनलोड करके की ठगी: गहन पूछताछ के बाद पता चला कि शिवम और राजन ने वेबसाइट हैक करके अपने दोस्तों को मुफ्त में क्रूज की सैर कराई थी. घंटों पूछताछ और साक्ष्य के आधार पर यह बात सामने आई कि शिवम और राजन ने अपने लैपटॉप में एक ऐप डाउनलोड किया था, जिसके जरिए उन्होंने एक इंटरनेट ब्राउज़र खोला. इसी ब्राउज़र से उन्होंने वेबसाइट खोली और उसमें अपना नाम, आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर डाला, जिसके आधार पर वे क्रूज में मुफ्त में मौज-मस्ती करने पहुंच गए. पूछताछ के बाद दो युवकों को छोड़ दिया गया, जबकि राजन और शिवम को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

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