GO GORAKHPUR: भटहट के सत्यम हॉस्पिटल में मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप को पुलिस ने दबोच लिया है. उसकी गिरफ्तारी के साथ ही जिले में चल रहे अवैध अस्पतालों के धंधे की पोल एक बार फिर से खुल गई है. लेकिन डर इस बात का है कि आरोपितों के सलाखों के पीछे जाने के बाद फिर इस सवाल पर पर्दा न पड़ जाए कि आखिर कैसे जिले में एक झोलाछाप, अस्पताल का रजिस्ट्रेशन करा लेता है. कौन लोग हैं जो इन झोलाछाप को ‘कमाई’ का ज़रिया बना बैठे हैं.
गुलरिहा थाना क्षेत्र के भटहट बासस्थान रोड पर संचालित हो रहे सत्यम हॉस्पिटल में तीन जनवरी को गर्भवती महिला सोनावत की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने जैनपुर के टोला काजीपुर निवासी रामवदन की तहरीर पर रंजीत निषाद के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था. हॉस्पिटल संचालक सुभाष निषाद के बेटे रंजीत सुभाष और नर्स गीता को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है. पुलिस ने मंगलवार सुबह इस मामले में तीसरे फरार आरोपित सुभाष को भटहट बाजार कस्बे से गिरफ्तार कर इण्डियन मेडिकल काउंसिल एक्ट की धारा में जेल भेज दिया है. वह दो मुकदमों में वांछित था.
गौरतलब है कि इस मामले में पुलिस ने हॉस्पिटल संचालक सुभाष निषाद जैनपुर टोला सत्यनगर थाना गुलरिहा, नर्स गीता निवासी पनियरा महराजगंज, चिकित्सक डॉक्टर सुनील कुमार सरोज निवासी प्रयागराज, अल्ट्रासाउंड टेक्नीशियन नागेन्द्र राम निवासी बरवां खास थाना कप्तानगंज कुशीनगर, वार्ड ब्वाय अरुण कुमार निवासी नेवास पोखरा थाना पनियरा, वार्ड ब्वाय दिनेश निवासी चंदरपुर गोबरी थाना रामकोला कुशीनगर का नाम प्रकाश में आने पर बढ़ाया गया. जिसमें से रंजीत निषाद व गीता को पुलिस जेल भेज चुकी थी. अन्य फरार चल रहे थे. 20 जनवरी को कोर्ट ने चिकित्सक सहित उपरोक्त पांचों फरार चल रहे अभियुक्तों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. इस मामले में एसीएमओ डॉ. एके सिंह की तहरीर पर डॉ. सुनील कुमार सरोज के खिलाफ दर्ज किया था. सुनील कुमार सरोज फरार है.
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