GO GORAKHPUR: एलआईसी एजेंट आपको कितना आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है, इसका शायद आपको अंदाजा न हो. गोरखपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें पॉलिसीधारक को अपनी गाढ़ी कमाई गंवानी पड़ी. एलआईसी की पॉलिसी किसी एजेंट से खरीदने में वालों के भरोसे को तार-तार करने का यह पहला मामला नहीं है.
अमानत में खयानत का एक चौंकाने वाला मामला गोरखपुर में सामने आया है. एलआईसी का एजेंट दस साल से पॉलिसीधारक को फर्जी रसीद देता रहा. वह प्रीमियम की रकम हजम कर जाता था. एजेंट ने बीमाधारक को फर्जी बॉन्ड भी थमा दिया. बीमा की अवधि पूरी होने पर पॉलिसीधारक ने राशि के लिए प्रयास किया तो इस ठगी का मामला पकड़ में आया. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस आरोपी एजेंट के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की पड़ताल कर रही है. लेकिन एक सवाल यह भी उठता है कि आखिर एजेंट ने फर्जी बॉन्ड पेपर कैसे बनवाए. कहीं इसमें और लोगों की मिलीभगत तो नहीं. बहरहाल, पुलिस इसकी जांच कर रही है.
गोरखनाथ इलाके के रसूलपुर अजय नगर के रहने वाले रईस अहमद ने करीब 10 साल पहले अपने एक परिचित एलआईसी एजेंट बाल गोविंद दुबे से आठ लाख का बीमा कराया था. रईस प्रीमियम राशि बाल गोविंद को नकद जमा करने के लिए देते थे. इसके बाद बाल गोविंद उन्हें इसकी रसीद देता था. यह सिलसिला दस साल तक चलता रहा. अब रईस अहमद के बीमे की मैच्योरिटी पूरी हो गई. वह लगातार बाल गोविंद से अपने बीमे की रकम की वापसी के लिए कहने लगे. लेकिन, वह टाल मटोल करता रहा. जब रईस अहमद ने दबाव बनाया तो बाल गोविंद ने बताया कि उसने उन्हें जो रसीद और बॉन्ड दिया है, वह फर्जी है. किस्त की पूरी रकम उसने खुद पर खर्च कर ली है.
मामला पकड़े जाने पर बाल गोविंद ने रईस अहमद को 100 रुपये के स्टांप पेपर पर लिखकर दिया कि अलग-अलग तारीखों में वो उनके पूरे पैसे वापस कर देगा. लेकिन, काफी वक्त बीत जाने के बाद भी उसने रईस को एक रुपया वापस नहीं किया. इसके बाद अब उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की है. फिलहाल पुलिस इस मामले में आरोपी एलआईसी एजेंट बाल गोविंद के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की पड़ताल कर रही है.
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