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Go Gorakhpur:
देश के सबसे साफ-सुथरे शहरों में शुमार इंदौर की तर्ज पर गोरखपुर को भी संवारा जाएगा. इसके लिए नगर निगम की व्यवस्थाओं को अपग्रेड किया जाएगा. शुरुआत वाहनों पर निगरानी बढ़ाने और संचार से होगी. इससे कूड़ा का उठान समय से होगा और सूचनाएं भी तेजी से साझा होंगी.
नगर आयुक्त ने बताया कि आने वाले दिनों में नगर निगम के अधिकारियों से लेकर सुपरवाइजर तक को वायरलेस सेट दिए जाएंगे. इससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी. अधिकारी कर्मचारी लगातार एक दूसरे के संपर्क में रहेंगे. सूचनाओं का आदान-प्रदान तेजी से होगा. इंदौर नगर निगम के मॉडल को गोरखपुर में लागू करने को लेकर नगर आयुक्त अविनाश सिंह के नेतृत्व में इंदौर के दौरे पर गई अधिकारियों की टीम वहां पर व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने तथा प्रबंधन के तरीकों को परख रही है. नगर निगम की टीम ने इंदौर नगर निगम के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) का दौरा कर निगरानी और नियंत्रण के बेहतर तरीकों को देखा.
आयुक्त नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने मीडिया को बताया कि नगर निगम की व्यवस्थाओं में व्यापक बदलाव किए जाएंगे. इसमें जन-सहभागिता को और बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. स्रोत पर ही कूड़े की छंटनी से उपयोग लायक हिस्से की मात्रा को बढ़ाया जाएगा. इसके लिए और प्रयास किए जाएंगे. गाड़ियों के रूट मैप का कड़ाई से पालन कराया जाएगा. समयबद्धता पर खास जोर होगा जिसके लिए निगरानी और बढ़ाई जाएगी. अधिकारियों कर्मचारियों को अब वायरलेस सेट भी दिए जाएंगे. नगर आयुक्त ने मीडिया को बताया कि निगम के वाहनों की निगरानी के लिए अब जोनल वाहन सुपरवाइजर तैनात किए जाएंगे. सभी पांच जोन में एक-एक सुपरवाइजर की आउटसोर्सिंग से तैनाती की जाएगी. वाहन सुपरवाइजर की तैनाती से चालकों की मनमानी पर लगाम लगेगी और समय से कूड़ा का उठान संभव होगा. नगर आयुक्त ने कहा कि घरों से ही कूड़ा को अलग-अलग उठाने की व्यवस्था को और मजबूत बनाने पर फोकस किया जाएगा. इससे कूड़े का बेहतर उपयोग किया जा सकेगा. लोगों को गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग रखने के लिए जागरूक करने को अभियान चलाया जाएगा.