बतकही बात-बेबात

अन्न ही ब्रह्म है!

गो गोरखपुर बतकही

ज्ञानी जी की महफिल में जो चरचा थी वह अजीबोगरीब. चरचा भी यकीन से परे. बात कुछ यूं थी. धर्म और कर्म एक साथ जीने वाले एक भद्र जन. उनके घर आयोजन. लोग आए. भोजन किया और गए. एक ने कुछ ऐसा किया. भोजन का कुछ अंश ग्रहण नहीं कर पानी डाल दिया. उठ गए. यह देख भद्रजन हैरान. आपने यह अनर्थ क्यों किया? आपे से बाहर.

कहा, ‘सः अन्नं ब्रह्म इति व्यजानात् हि, अन्नात एव खलु इमानि भूतानि जायंते’ ….अन्य ही ब्रह्म है. क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि अन्न से ही समस्त प्राणी उत्पन्न होते हैं. उत्पन्न होकर अन्न के द्वारा ही जीवित रहते हैं. तथा अन्य में ही पुनः लौटकर समाविष्ट हो जाते हैं. (तैत्तिरीय उपनिषद, वरुण देव का पुत्र भृगु से संवाद)

सुनाया और दुर्वासा ऋषि भाव में अड़ गए. नतीजतन उन्हें छोड़े गए भोज्य अंश को ग्रहण करना पड़ा.
ज्ञानी जी द्वंद में हैं. कभी यह कि भद्रजन ने उचित किया. कभी यह कि अनुचित किया.

भला रोटी के बिना कौन जी सकता है? विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस क्यों? हर वर्ष 7 जून क्यों? दुनिया के हर देश में 10 में से एक व्यक्ति विषाक्त भोजन से बीमार क्यों? देश में मध्यवर्गीय घरों में हर वर्ष 6 से 11 किलो प्रति व्यक्ति खाद्यान्न की बर्बादी क्यों?

टटोला तो ये सारे बड़े सवाल उचित के पक्ष में. बस एक ही अशोभन. भला ऐसा कौन करता है? घर बुलाया. छोटी सी बात के लिए बेइज्जत कर दिया. ज्ञानी जी को लगता है. यह समझ का फेर है. इसलिए बात छोटी लगती है. अशोभन लगती है.

सच तो ये है हम दो हिस्से में बंटे हैं. कुछ लोग खाकर अघा गए. कुछ अति विपन्न. भोजन के लाले.

खाए व अघाए लोग विपन्नों के बारे में नहीं सोचते. सोचना ही होगा. कुछ इस तरह. अन्न की महत्ता सभ्यता के उच्च मानकों में हो. बर्बादी निकृष्टतम आचरण लगे. इसे पाप समझा जाए. दंड का प्रावधान हो तो बेहतर. भूख और भूखे पर चिंतन अनिवार्य. करने वाला भद्र. न करने वाला अभद्र. ऐसे अभद्र का सामाजिक तिरस्कार.

ज्ञानी जी का अब यही एजेंडा है.


One response to “अन्न ही ब्रह्म है!”

  1. अन्न ही ब्रह्म है!
    ऋचा

    अद्वितीय


  • गोरखपुर की दो महिला डॉक्टर कौन हैं जो ‘गैंगस्टर’ में गईं हवालात में

  • उत्तराखंड के एक गांव के आठ युवक कैसे बन गए गोरखपुर पुलिस का सिरदर्द, यहां पढ़िए

  • पीपीगंज की इस मासूम की ज़िंदगी बचाने के लिए चाहिए 16 करोड़ का इंजेक्शन

  • गोरखपुर की बैडमिंटन सनसनी ने थाइलैंड में जीते एक स्वर्ण दो रजत

  • 536 रुपए में भारत दर्शन का ज़बरदस्त टूर प्लान लाया आईआरसीटीसी

  • आपके मुहल्ले में जलभराव है तो तुरंत घुमाइए कंट्रोल रूम का नंबर 8810709354

  • सितंबर में बारिश का सितम, 10 साल बाद नया रिकॉर्ड

  • अगर आप क्रिएटिव हैं तो ग्राफिक्स में करियर आपका इंतज़ार कर रहा

  • डीडीयूजीयू: प्रवेश और पंजीकरण की तिथि 26 सितंबर तक बढ़ी

  • रामगढ़ झील की तर्ज पर विकसित होंगे राप्ती के घाट

  • शातिर सॉल्वर : परीक्षा केंद्र में एंट्री के लिए फेविकोल से बनाता था ‘नकली अंगूठा’

  • गोरखपुर में इस जगह पर 160 साल से हो रही है रामलीला

  • अल्फ़ाबेट के आखिरी अक्षर का ‘हीरो’ जेब्रा गोरखपुर आएगा

  • Go Gorakhpur News

    यूपी रोडवेज के इस नंबर पर करें कॉल, मिलेगी बसों की जानकारी

  • 35 करोड़ से चमकेंगे शहर के 11 इलाके, देखें आपका मोहल्ला इनमें है या नहीं

जगदीश लाल

About Author

हिंदी पत्रकारिता से करीब चार दशकों तक सक्रिय जुड़ाव. संप्रति: लेखन, पठन-पाठन.

1 Comment

  1. ऋचा

    02/09/2024

    अद्वितीय

Comments are closed.

महाकुंभ 2025: कुछ अनजाने तथ्य… महाकुंभ 2025: कहानी कुंभ मेले की… गोरखपुर सिटी: टॉप टेन